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झारखंड CM का मगही-भोजपुरी पर विवादित बयान को लेकर सियासत तेज.

सांसद सुशील मोदी ने कहा- ये सभी हिंदी प्रेमियों का है अपमान, सोरेन के बयान पर लालू चुप क्यों ?

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सिटी पोस्ट लाइव :मगही-भोजपुरी भाषा पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बयान को लेकर बिहार-झारखण्ड की सियासत गरमा गई है.बीजेपी नेताओं ने मुख्यमंत्री के ब्यान पर जबरदस्त नाराजगी जताई है.गौरतलब है कि हेमंत सोरेन ने भोजपुरी और मगही बोलने वालों को वर्चस्व चाहने वाला बताया था.हेमंत सोरेन ने भोजपुरी और मगही बोलने वाले लोगों को डॉमिनेटिंग नेचर यानी वर्चस्‍व चाहने वाला बताया था. उन्होंने कहा था कि अविभाजित बिहार में झारखंड की महिलाओं के साथ गलत काम करने वाले ये भाषाएं बोलते थे. झारखंड के आंदोलन के वक्‍त भोजपुरी में गालियां दी जाती थीं. उन्‍होंने कहा कि इन दोनों भाषाओं का झारखंड के आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है और ये बिहार की भाषाएं हैं. अब इस बयान को लेकर बिहार की राजनीतिक पार्टियों ने कड़ी आपत्ति दर्ज की है. सोरेन की पार्टी झामुमो की सहयोगी पार्टी राजद उनके बचाव में है.

भाजपा सांसद सुशील मोदी ने सोरेन के मगही-भोजपुरी पर दिये बयान को भाषाई असहिष्णुता करार दिया है. उन्होंने कहा है कि एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति का ये बयान अनुचित, अशोभनीय और निंदनीय है. उन्होंने इसे शर्मनाक टिप्पणी बताते हुए, हिंदी दिवस पर दिए इस बयान को सभी हिंदी प्रेमियों का अपमान बताया है. इसको लेकर उन्होंने लालू प्रसाद पर भी निशाना साधा है.उन्होंने कहा है कि भोजपुरी बोलकर वोट लेने वाले लालू प्रसाद बताएं कि क्या वे हेमंत सोरेन के बयान का समर्थन करते हैं.

बीजेपी के साथ जदयू और हम के नेताओं ने भी हेमंत सोरेन के इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है. जदयू ने झारखंड सीएम के इस बयान को बिहार का अपमान बताया है. जदयू की सहयोगी हम ने तो हेमंत सोरेन पर सीधा हमला करते हुए कहा है कि सोरेन को इतिहास की थोड़ी सी जानकारी नहीं है. हेमंत सोरेन के बयान पर राजद ने संभलते हुए बयान देने की कोशिश की है. राजद ने कहा है कि हेमंत सोरेन के बयान का ये बयान किस संदर्भ में दिया गया है, ये देखना होगा.

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