सिटी पोस्ट लाइव : सावन महीने के आखिरी सप्ताह में पटना के फुलवारीशरीफ इलाके में एक अजीबो-गरीब नजारा सड़क पर सैकड़ों सालों से देखने को मिलता आ रहा है। जब लोग महामारी को भगाने के लिए सड़कों पर उतर आते हैं और खप्पड के साथ दौड़ लगाते हैं। आज भी हजारों लोग सड़क पर उतरे और सैकड़ों वर्षों से चली आ रही आस्था कायम रही । लेकिन ये आयोजन इस वर्ष कई गंभीर सवाल अपने पीछे छोड़ गया।
कोरोना, हैजा सहित कई संक्रमण महामारी से बचाव के लिए फुलवारी शरीफ में विशाल खप्पड़ पूजा का आयोजन किया गया । इस विचित्र पूजा को देखने के लिए दूरदराज ग्रामीण क्षेत्रों से हजारों की संख्या में लोग उपस्थित हुए । ऐसी अवधारणा है कि इस पूजा के सफल आयोजन से फुलवारी शरीफ में महामारी का प्रकोप नहीं चलेगा और लोग स्वस्थ एवं महामारी से सुरक्षित रहेंगे ।
पूजा समिति के देवेंद्र प्रसाद ने बताया कि वर्ष 1818 में फुलवारीशरीफ एवं आसपास के इलाकों में भयंकर महामारी का प्रकोप फैला था । उस वक्त नगर सहित दूरदराज के ग्रामीण इलाकों में कई लोग और समय काल के गाल में समा गए थे । तत्कालीन भगत झमेली बाबा ने सपने में यह देखा कि मां देवी इस महामारी के लिए पूजा करने की बात बता रहे हैं । फिर झमेली बाबा ने मां देवी की आराधना शुरू की और पूजा संपन्न होते हैं ग्रामीण क्षेत्रों से महामारी का प्रकोप खत्म हो गया । साथ ही साथ लोगों के और समय महामारी से मरने का सिलसिला भी अचानक रुक गया । तब से प्रत्येक वर्ष श्रावण माह में विधि विधान के साथ प्रखंड के नजदीक स्थित शीतला मंदिर में विशाल रूप से खपपड़ पूजा का आयोजन किया जाता है।
इस वर्ष कोरोना काल को ध्यान में रखते हुए प्रशासन में भारी संख्या में लोगों को शामिल होने से पूरी तरह रोक लगाने की घोषणा की थी इसके बावजूद भी यहां श्रद्धालुओं की भीड़ इस कदर उमड़ी की प्रशासन की सारी घोषणाएं धरी की धरी रह गई । थाना प्रभारी ने सख्त निर्देश दिया था कि पूजा समिति के मात्र 10 व्यक्ति हैं इस पूजा में शामिल हो सकते हैं । बाकी दूरदराज से आए लोग इस पूजा को दूर से ही दर्शन कर सकते हैं । इसके बावजूद भी हजारों की संख्या में लोगों का भीड़ उमड़ पड़े ।
लगभग 203 वर्षों से आयोजित हो रहे इस पूजा की खासियत यह है कि इस पूजा में भगत अपने हाथ में एक थप्पड़ में आग लेकर आगे-आगे दौड़ते हैं और उनके पीछे भक्त लोग मां की जयकारा लगाते हुए पूरे नगर की एक परिक्रमा करते हैं । इस पूजा में पुरुषों से ज्यादा महिलाओं की संख्या देखने को मिली । पूजा को सुरक्षात्मक दृष्टि से संपन्न कराने को लेकर फुलवारी शरीफ में भारी संख्या में पुलिस बल की व्यवस्था की गई थी ।
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