सिटी पोस्ट लाइव: दरभंगा जिले में कमला, कोसी, बागमती तथा अधवारा समूह की नदियों में आये उफान के कारण आम लोगों की परेशानी बढ़ी हुई है. वहीं, बाढ़ के कारण जीवित इंसानों से अधिक शवों की दुर्दशा हो रही है. शव जलाने के लिए लोगों को दो गज सूखी जमीन तक नहीं मिल रही. शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के श्मसान घाट बाढ़ के पानी में डूब गए हैं, जिससे अंतिम संस्कार में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
जिसके चलते घर के लोगों ने पानी के बीच चारो तरफ बांस गाड़ उसपर, बांस का चचरी बनाकर, उसपर अनाज रखने का कोठी रख कर उसमें लकड़ी और गोइठा डाल अंतिम संस्कार किया. दरअसल, कुशेश्वरस्थान प्रखंड के महिसौत गांव में सोमवार को 90 वर्षीय सिवनी यादव की मौत हो गई. जिसके बाद परिवार के साथ ही ग्रामीणों के सामने अंतिम संस्कार की समस्या खड़ी हो गई. जिसके बाद ग्रामीणों ने गांव से सटे श्मशान में बीच मझधार में बांस का चचरी बनाया और उसे पानी में खूंटे के सहारे खड़ा किया.
फिर उसके ऊपर मिट्टी से बना कोठी के अंदर शव को रखकर उसके ऊपर से लकड़ी रख दिया गया. जिसके बाद शव को ग्रामीणों के द्वारा गाजे-बाजे के साथ नाव से अंतिम सफर के लिये निकाला गया और नाव से ही शव को लेकर उस जगह पर ग्रामीण जुटे. जिसके बाद शव को मुखग्नि दिया गया. इस दौरान ग्रामीणों की मदद से नाव को शव के चरों तरफ घुमाया गया और नाव पर चढ़े-चढ़े ही शव को अग्नि के हवाले कर दिया गया.
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