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अधर में पटना मेट्रो का काम, कंसल्टेंसी फीस के पैसे नहीं कैसे होगा निर्माण कार्य?

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सिटी पोस्ट लाइव : पटना में कब दौड़ेगी मेट्रो, इस सवाल का जबाब शायद अभी किसी के पास नहीं है.दरअसल केंद्र और राज्य सरकार से पहले चरण में मिली राशि समाप्त हो गई है और , पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन आर्थिक संकट से जूझ रहा है.फण्ड के अभाव में निर्माण कार्य की रफ़्तार बेहद धीमी हो चुकी है. मेट्रो के निर्माण कराने का जिम्मा लेने वाली दिल्ली मेट्रो की कंसल्टेंसी फीस अक्टूबर 2020 से बकाया है. गौरतलब है कि दिल्ली मेट्रो को प्रत्येक तीन माह पर 25.69 करोड़ की कंसल्टेंसी फीस देनी है.इस हिसाब से 77.07 करोड़ बकाया है.

जनवरी 2020 से सितंबर 2020 तक 1058.50 करोड़ का कार्य हुआ है. लेकिन, अभी तक एजेंसी को भुगतान नहीं किया गया है. 3.1 फीसदी राशि खर्च होने के बावजूद 1 फीसदी काम धरातल पर दिख रहा है. मेट्रो के निर्माण के लिए फरवरी 2019 में पीएम द्वारा शिलान्यास किया गया था. इसके निर्माण पर 13,365.77 करोड़ खर्च होना है. 32.487 किमी लंबे मेट्रो का निर्माण कार्य अक्टूबर 2024 में पूरा करने का लक्ष्य है. इसमें पहला कॉरिडोर 17.933 किमी और दूसरा कॉरिडोर 14.554 किमी लंबा है.

अबतक पटना मेट्रो और जायका के बीच 5520.93 करोड़ के लोन के लिए समझौता भी नहीं हो सका है.इसी वजह से रूकनपुरा से राजेंद्रनगर तक अंडरग्राउंड मेट्रो का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पा रहा है. इसमें कॉरिडोर वन का रूकनपुरा, राजाबाजार, पटना जू, विकास भवन, विद्युत भवन, पटना जंक्शन और कॉरिडोर टू का पटना जंक्शन, अकाशवाणी, गांधी मैदान, पीएमसीएच, पटना विवि, मोइनुलहक स्टेडियम, राजेंद्रनगर स्थित अंडरग्राउंड स्टेशन और लाइन का निर्माण शामिल है.

गौरतलब है कि 11 एलिवेटेड स्टेशन के साथ लाइन बनानी है. इसमें कॉरिडोर वन का दानापुर, सगुना मोड़, आरपीएस मोड़, पाटलिपुत्र, मीठापुर, रामकृष्णानगर, जगनपुर, खेमनीचक और कॉरिडोर टू का मलाही पकड़ी, खेमनीचक, भूतनाथ, जीरोमाइल, न्यू आईएसबीटी एलिवेटेड स्टेशन शामिल हैं। वर्तमान में न्यू आईएसबीटी से मलाही पकड़ी के बीच 6.60 किमी में काम शुरू किया गया है. लेकिन, रफ्तार इतनी धीमी है कि अबतक यूटिलिटी शिफ्टिंग का कार्य नहीं हुआ है.राज्य सरकार को जमीन अधिग्रहण कर देनी है. लेकिन, जिला प्रशासन को इसके लिए 1000 करोड़ की राशि नहीं मिली है. इस कारण न्यू आईएसबीटी के पूरब 76 एकड़ चिह्नित जमीन का अधिग्रहण कागज पर चल रहा है. यहां मेट्रो के लिए डिपो का निर्माण होना है और इसके लिए टेंडर हो चुका है.

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