झारखंड कैबिनेट की बैठक में छह प्रस्तावों को मिली मंजूरी
औद्योगिक एवं निवेश प्रोत्साहन नीति को मिली मंजूरी
सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड सरकार ने एक लाख करोड़ के निवेश को आकर्षित करने और पांच लाख युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। इसे लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल की हुई बैठक में झारखंड औद्योगिक एवं निवेश प्रोत्साहन नीति 2021 को मंजूरी प्रदान कर दी गयी।
बैठक समाप्त होने के बाद कैबिनेट सचिव वंदना दादेल ने पत्रकारों को बताया कि इस नीति के तहत पांच प्राथमिकता वाले क्षेत्र की पहचान की गयी है। जिसमें टेक्सटाइल, ऑटोमोबाइल, ऑटो कंपोनेंट्स, एग्रो फुड प्रोसेसिंग, फार्मासुटिकल और इलेट्रिक्ल सिस्टम डिजाइन एंड मैनुफैक्चरिंग शामिल है। इसके अलावा आठ अन्य प्राथमिकता वाले क्षेत्र रखे गये है। जिसमें प्राइवेट यूनिवर्सिटी और मेडिकल कॉलेज शामिल है।
कोविड अस्पतालों में अनुबंध पर हेल्थ केयर की सेवा
एक अन्य महत्वपूर्ण प्रस्ताव में कोरोना संक्रमण काल में छह महीने के लिए अनुबंध पर हेल्थ केयर विशेषज्ञों की सेवा लेने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गयी। इसके तहत राज्य के कोविड अस्पतालों में कोडिड ड्यूटी के लिए हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स की सेवा छह महीने तक ली जाएगी। केंद्र सरकार के ईसीआर प्लान के तहत इस योजना के तहत पीजी स्अुडेंट से 3500रूपये प्रतिदिन, प्रति शिफ्ट के मानदेय पर सेवा ली जा सकेगी। साथ ही एमबीबीएस डॉक्टरों की सेवा 2000 रूपये, इंटर्न मेडिकल फाइनल ईयर एमबीबीएस को 1200 , जीएनएम फाइनल ईयर स्टुडेंट को 550 रूपये और बीडीएस एवं अन्य एलाइड सेवा के लिए 800 रूपये प्रतिदिन प्रति शिफ्ट मानदेय दिया जा सकेगा। यह व्यवस्था छह महीनों के लिए लागू रहेगी। एक अन्य प्रस्ताव में कोविड-19 के दौरान स्वास्थ्य विभाग में आउटसोर्स से प्रतिनियुक्ति सभी कर्मचारियों को भी एक महीने का प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया गया है।
बीईएड कॉलेज में नामांकन मेधा सूची के आधार पर
कोरोना काल में प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित नहीं हो पाने के कारण बीईएड कॉलेज में नामांकन मेधा सूची के आधार पर लेने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत एनसीटीई रेगुलेशन 2014 के आलोक में राज्य के मान्यता प्राप्त बीएड कॉलेजों में सत्र 2021-23 के लिए नामांकन के लिए संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित किये बिना मेधा सूची तैयार करने और काउंसलिंग एजेंसी के रूप में जेसीईसीईबी को प्राधिकृत करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गयी है।
गुरू-शिष्य परंपरा को बढ़ावा
एक अन्य प्रस्ताव में गुरू-शिष्य परंपरा को बढ़ावा देने के लिए दो विधाओं के चयन का निर्णय लिया गया है। इसे लेकर गुरू-शिष्य परंपरा प्रशिक्षण नियम 2021 की स्वीकृति दी गयी। दो वर्ष की अवधि के लिए इस योजना के तहत गुरू को प्रति माह 12 हजार और उनके सहयोगी को साढ़े सात हजार का मानदेय मिलेगा। जबकि प्रशिक्षु के लिए प्रति माह तीन हजार रूपये खर्च करने का प्रावधान रखा गया है। इसके तहत एक लाख रूपये के चार वाद्य यंत्र खरीदने के लिए भी राशि उपलब्ध करायी जाएगी।
कोरोना काल में वाहन संचालकों को राहत
कोरोना संक्रमणकाल में अंतररार्ज्यीय परिवहन और स्कूल एवं शिक्षण संस्थान बंद रहने के कारण वाहन संचालकों को राहत देते हुए विलंब शुल्क को माफ करने का निर्णय लिया गया है।
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