सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में थोक शराब विक्रेता को लाइसेंस देने के लिए जारी विज्ञापन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। मामले में अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी। प्रार्थी की ओर से वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार ने कहा कि सरकार की नई शराब बिक्री नियमावली विधिसम्मत नहीं है और इसके लागू होने से पहले ही थोक शराब बिक्री के लाइसेंस के लिए विज्ञापन जारी करना गैरकानूनी है। इस दौरान महाधिवक्ता ने कहा कि नई नियमावली की संशोधित अधिसूचना का आज गजट में प्रकाशन होगा। साथ ही लाइसेंस के लिए जारी विज्ञापन की अंतिम तिथि को एक सप्ताह बढाया जा रहा है। इस पर अदालत ने राज्य सरकार से चार सप्ताह में जवाब मांगा है। जस्टिस अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले पर सुनवाई की।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकार के अपर महाधिवक्ता अपने-अपने कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा। सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से अदालत को बताया गया कि राज्य सरकार के द्वारा जो नियम बनाया गया है, वह अभी नोटिफाइड नहीं हुआ है, तो ऐसे में इस नियम के तहत कैसे विज्ञापन निकाला गया। यह गलत है। इसलिए इस पर रोक लगा दी जाये।
उन्होंने विभाग के द्वारा निकाले गए नोटिफिकेशन का हवाला देते हुए अदालत को बताया कि जब विभाग ही कहता है कि एक अगस्त से यह नियम लागू होगा। ऐसे में थोक विक्रेता दुकान के लाइसेंस के लिए विज्ञापन पहले कैसे निकाल दिया गया इसलिए यह गलत है। जिस पर राज्य सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि विभाग के द्वारा जो पूर्व में बताया गया था कि एक अगस्त से लागू होगा। उसे आठ जून से ही लागू कर दिया गया है। अब चुकी गजट नोटिफिकेशन में देरी हुई, इसलिए विभाग के द्वारा एक सप्ताह का समय भी बढ़ा दिया गया है। अदालत ने उनकी दलील को रिकॉर्ड कर लिया। सरकार ने अदालत से आग्रह किया कि उन्हें मामले में जवाब पेश करने के लिए समय दिया जाए।
अदालत ने सरकार के आग्रह को स्वीकार करते हुए दुकान के लाइसेंस के लिए निकाले गए विज्ञापन पर किसी भी प्रकार की रोक लगाने से इनकार कर दिया । राज्य सरकार को जवाब पेश करने का आदेश दिया है। उल्लेखनीय है कि याचिकाकर्ता झारखंड रिटेल लिकर वेंडर एसोसिएशन की ओर से झारखंड सरकार द्वारा बनाए गए, शराब की थोक बिक्री के लिए दिए जाने वाले लाइसेंस को झारखंड हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी।
Comments are closed.