सिटी पोस्ट लाइव: मानसून के शुरुवात में ही बिहार की राजधानी पटना पानी पानी हो गया है.शहर के डेढ़ सौ से ज्यादा मोहल्ले में जल जमाव पिछले तीन दिनों से जारी है .कंकड़बाग के आजाद नगर, पोस्टल पार्क, नवरतनपुर, अशोक नगर, एलआईजी एच, स्लम, रेंटल फ्लैट, आरएमएस कॉलोनी, पूर्वी अशोक नगर, रामलखन पथ,.बोर्ड कॉलोनी, राजवंशीनगर, शास्त्रीनगर, पाटलिपुत्र कॉलोनी जैसे सैकड़ों मुहल्लों में जलजमाव का संकट बना हुआ है.आखिर ऐसा क्यों हुआ? दरअसल,राजधानी के बड़े नालों की सफाई तो की गई लेकिन मोहल्लों से उनकी कनेक्टिविटी पर कम नहीं हुआ.यहीं वजह है कि इसबार भी राजधानी डूब गई.
मुहल्लों के पानी के ठीक ढंग से मुख्य नाले तक नहीं पहुंचने की वजह से राजधानी के कई ईलाके पानी में डूब गये.दक्षिणी इलाके में अनीसाबाद से सिपारा, रामकृष्णानगर से जगनपुरा, चमनचक तक तक नाला या तो बना नहीं है या नमामि गंगे परियोजना की भेंट चढ़ गया है.गर्दनीबाग व सरिस्ताबाद में भी नाले का अभाव है. राजधानी में करीब 17 लाख 3 हजार 568 फीट नाला हैं. इसमें से करीब 4 लाख फीट बड़े और 13 लाख फीट मंझोले व छोटे नाले हैं. इन नालों की सफाई सही प्रकार से नहीं हो सकी. 46,837 मैन होल और 36,241 कैचपिट में से आधा की ही सफाई हो पाया है. दरअसल नगर निगम की ओर से वर्ष 2021 में नाला उड़ाही का बजट 15 करोड़ रुपए का निर्धारित किया गया है. नगर विकास विभाग की ओर से इस मद में 9 करोड़ रुपए की ही स्वीकृति दी गई है.
पिछले दिनों जलजमाव से संबंधित समीक्षा बैठक में मेयर ने विभाग के सामने अतिरिक्त 6 करोड़ रुपए की मांग रखी थी लेकिन यह राशि नहीं मिली. मेयर सीता साहू ने 15 मई को ही नगर आयुक्त को पत्र भेजकर 50 से 60 फीसदी नाला उड़ाही का मामला उठाया था. उन्होंने पार्षदों के साथ जलजमाव से निपटने की तैयारी को लेकर बैठक की थी. इसमें पार्षदों ने यह मामला उठाया था. तब मेयर ने बरसात शुरू होने तक नालों की सफाई पूरी कराने का निर्देश दिया था.पाटलिपुत्र कॉलोनी से पानी निकालने के लिए पीएंडएम मॉल के पास अस्थायी संप हाउस का निर्माण किया गया है. इसके बाद भी पानी तेजी से नहीं निकल पा रहा है. इसका कारण इंडस्ट्रियल एरिया की तरफ के नाले की चौड़ाई का कम होना है. यह लिंक नाला कुर्जी नाले में जाकर मिलता है.इससे इंडस्ट्रियल इलाके की तरफ का पानी बाहर निकलता है.
एक्जीबिशन रोड, स्टेशन रोड, फ्रेजर रोड, डाकबंगला रोड, एसपी वर्मा रोड, जमाल रोड, आरके भट्टाचार्य रोड, राजेंद्र पथ जैसे प्रमुख इलाकों का पानी एसपी वर्मा रोड संप के माध्यम से मंदिरी नाले से निकाला जाता है. मंदिरी नाला काली मंदिर के समीप स्थित संप के जरिए यह पानी आगे जाता है. शुक्रवार रात बारिश के बाद मंदिरी नाला संप को चलाया ही नहीं गया. इससे स्थिति खराब हुई.राजधानी में शुक्रवार की रात हुई करीब चार घंटे की बारिश के बाद शनिवार की रात तक पानी निकालने की कवायद चलती रही. ड्रेनेज लाइन से पानी नहीं निकल सका तो शनिवार देर शाम उपमुख्यमंत्री रेणु देवी के आवास पर पंप लगाया गया. पूर्व मंत्री नंदकिशोर यादव के आवास पर भी पंप लगाना पड़ा. मंत्रियों और विधायकों के आवासों से पानी निकालने के साथ-साथ जलजमाव वाले इलाकों से भी जलनिकासी में नगर निगम की
टीम जुटी रही.
निगम ने अधिकांश इलाकों से पानी निकालने का दावा किया है, लेकिन अब भी राजधानी के निचले इलाके जलमग्न हैं. लालजी टोला में भीषण जलजमाव से परेशान लोगों ने रविवार को नगर निगम के सफाई निरीक्षक को बंधक बना लिया. सूचना मिलने पर बांकीपुर अंचल के अधिकारी पहुंचे और लोगों को समझा-बुझाकर सफाई निरीक्षक को वहां से निकाला.पाटलिपुत्र कॉलोनी की अधिकतर सड़कों से पानी हट गया है, लेकिन लोगों के घरों के कैंपस में अब भी जलजमाव है. इस कारण लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. राजाबाजार के जगदेवपथ के पास वाली गली में भी एक से डेढ़ फीट तक पानी है. अनीसाबाद पुलिस कॉलोनी, बेउर के हरनीचक, शिवनगर, गंगा विहार कॉलोनी, श्रीकृष्ण विहार कॉलोनी, बेउर मेन रोड, शिवाजी नगर, बेउर एसटीपी के बगल वाले फ्लैटों में दो-तीन फीट तक पानी है. चितकोहरा, गर्दनीबाग के निचले इलाकों, सिपारा, सरिस्ताबाद व मीठापुर के भीतरी मुहल्लों में लोगों को फिर जलजमाव झेलना पड़ रहा है.
रामकृष्णानगर से जगनपुरा तक की स्थिति लगातार खराब हो रही है. जर्जर सड़क बारिश के पानी से और खराब हो रही है. कंकड़बाग के अशोक नगर, पोस्टल पार्क, रामलखन पथ के निचले भाग में अब भी पानी का जमाव है. अशोक राजपथ, राजेंद्रनगर से कदमकुआं तक के इलाकों से पानी निकालने में निगम को कामयाबी मिली है.जलजमाव झेल रहे लोगों ने पाटलिपुत्र नगर विकास समिति के बैनर तले सड़क पर उतर कर प्रदर्शन किया.
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