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दहेज़ लोभियों ने फिर दिखाई दरिंदगी, गाड़ी नहीं मिली तो दुल्हे ने ले ली पत्नी की जान

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सिटी पोस्ट लाइव : शादी विवाह में दहेज़ वो कुप्रथा है, जो शादियों से चली आ रही है. एक बाप पूरी जिन्दगी कमाता है और सारी कमाई अपनी बेटी के सुखद भविष्य के नाम कुर्बान कर देता है. लेकिन बदले में बेटी को मिलती है तो दहेज़ के लिए ताने और मारपीट. इतना ही नहीं कुछ दहेज़ लोभी ऐसे भी होते हैं जिनका पेट लाखों डकारने के बाद भी नहीं भरता है, और दरिंदगी की हदें पार कर विवाहिता की जिन्दगी छीन लेता है. कुछ ऐसा ही मामला औरंगाबाद से सामने आया है. जहां एक विवाहिता की जान उसके पति ने इसलिए ले ली, क्योंकि उसे दहेज़ में गाड़ी नहीं मिली.

मामला नगर थाना क्षेत्र के शाहपुर मुहल्ले की है. हालांकि ससुराल वाले इसे सुसाइड बता रहे हैं, लेकिन मृतक के परिजनों ने दहेज के लिए गला घोंटकर हत्या का आरोप लगा रहे हैं. जानकारी अनुसार झारखंड के जपला अंतर्गत कुकुही गांव निवासी भोला सिंह की पुत्री मधु कुमारी की शादी शाहपुर मोहल्ला निवासी नन्दलाल महतो के पुत्र विवेक कुमार के साथ 2 साल पहले 30 नवंबर 2019 को हुई थी. स्थानीय लोगों ने बताया कि मधु का पति मुगलसराय में रेलवे गार्ड में नौकरी करता है. इन दिनों छुट्टियों में घर आया था.

मृतका के पिता ने बताया कि शादी के बाद लगातार ससुराल वालों की तरफ से बेटी को प्रताड़ित किया जाता था. गाड़ी की मांग की जाती थी. फोन पर जिस वक्त मेरी बात हुई थी, उस वक्त भी उसे दहेज के लिए उसे उलाहना दिया जा रहा था. इसके लिए उससे मारपीट भी की जाती थी.  इस बात की जानकारी भी मधु ने हमें दी थी. वहीं ससुराल पक्ष के लोग सुसाइड की बात कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि शुक्रवार देर रात उसकी पत्नी मधु कुमारी ने खुद को कमरे में कर दरवाजा बंद कर दिया, परिजनों द्वारा दरवाजा खोलवाने के बाद जब उसने दरवाजा नहीं खोला तो परिजनों ने दरवाजा तोड़ दिया। उसके बाद आनन-फानन में महिला को सदर अस्पताल लेकर आया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया.

घटना की सूचना मिलते ही नगर थाना पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लिया और मृतक के पति विवेक कुमार और ससुर नंदलाल महतो को पूछताछ के लिए थाने ले गई.  नगर थानाध्यक्ष ने कहा कि लड़की के पिता के कहने अनुसार सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया गया है. जांच रिपोर्ट के बाद कार्रवाई की जाएगी. जाहिर बिहार सरकार लगातार दहेज़ के खिलाफ अभियान चला रही है. लोगों को जागरूक करने में लगी है कि दहेज़ न लें न दें. इसके बावजूद दहेज़ के लिए आए दिन कोई न कोई विवाहिता बलि चढ़ रही है.

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