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पार्टी में टूट की संभावना से बढ़ीं बिहार कांग्रेस के नेताओं की धड़कन

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में अभी चुनाव नहीं है और ना ही कोई नई सरकार बनने- बिगड़नेवाली नहीं फिर भी राजनीतिक जोड़तोड़ जारी है. एलजेपी में तो टूट हो चुकी है अब कांग्रेस की बारी है.जबसे एलजेपी टूटी  है तभी से कांग्रेस में टूट की अटकलें लगाईं जा रही हैं. दूसरी तरफ राज्य कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास के सूबे में दौरे के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष समेत चार कार्यकारी अध्यक्षों के भी बदले जाने की खबर है. इसके बाद प्रदेश कांग्रेस के सभी नेताओं की नींद उड गयी है. अपनी कुर्सी बचाने और पार्टी को टूट से बचाने के लिए नेता दिल्ली दरबार का चक्कर लगा रहे हैं.

लोकजनशक्ति पार्टी में टूट होने के बाद कांग्रेस पार्टी अपने विधायकों, नेताओं को पूरी तरह से एकजुट रखना चाहती है. इधर पार्टी के बिहार प्रदेश प्रभारी भक्त चरण दास के दौरे के बाद इस चर्चा ने भी जोर पकड लिया है कि सूबे में कांग्रेस के अध्यक्ष समेत चार कार्यकारी अध्यक्ष को भी हटाया जा सकता है. इस बार पार्टी की विशेष नजर पिछड़ी-अति पिछड़ी और दलित नेताओं पर है. इधर भक्त चरण दास भी सूबे में लगातार एक्टिव हैं और यहीं पर रूक कर सबको फीडबैक लेने के साथ ही प्रदेश कांग्रेस के वरीय नेताओं को दिल्ली में आलाकमान से मिलने को भी कहा है.वर्तमान में सूबे के मंत्री और जदयू के वरिष्ठ नेता अशोक चौधरी करीब तीन साल पहले कांग्रेस पार्टी के चार एमएलसी को लेकर निकल गये थे. उसके बाद से ही कांग्रेसी विधायकों को तोड़ने के लिए डोरे डालने की कोशिश जारी है.

पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी का प्रदर्शन आशा के अनुरूप नहीं रहा. राजनीति के जानकारों की माने तो कांग्रेस पार्टी में टूट की खबरों का यह भी एक अहम कारण हो सकता है. अब पार्टी के कुछ नेता अपने साथ साथ पार्टी की स्थिति मजबूत करने के लिए लगातार दिल्ली दरबार का चक्कर लगा रहे हैं. राजेश राम, प्रेमचंद मिश्रा, अनिल शर्मा, श्याम सुंदर सिंह धीरज, अखिलेश सिंह व कौकब कादरी प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में शामिल हैं.लेकिन इसके पहले कहीं पार्टी टूट ना जाए पार्टी आलाकमान की नींद उड़ी हुई है.

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