सिटी पोस्ट लाइव : नेपाल और बिहार में लगातार हो रही बारिश की वजह से नदियों का जलस्तर काफी तेजी से बढ़ रहा है. सबसे खतरनाक ढंग से गंगा बढ़ रही है. पूरे सूबे में इसका जलस्तर लगातार ऊपर भाग रहा है. बक्सर, पटना, मुंगेर, भागलपुर में इसके जलस्तर में जबरदस्त वृद्धि हुई है. पटना में इसका जलस्तर महज 24 घंटे में 2.67 मीटर बढ़ गया. दीघाघाट पर इसका जलस्तर अब खतरे के निशान से मात्र 86 सेंटीमीटर नीचे रह गया है. गांधीघाट पर इसका जलस्तर 58 सेंटीमीटर बढ़ा और यहां नदी खतरे के निशान से मात्र 1.45 मीटर नीचे है. हाथीदह में इसका जलस्तर 1.12 मीटर बढ़ा जबकि मुंगेर में 1.16 मीटर और भागलपुर में 1.10 मीटर बढ़ गया.
पिछले 24 घंटे में सभी प्रमुख नदियों के साथ-साथ पहाड़ी नदियों के जलस्तर में भी बढ़ोतरी हुई है. गंडक नदी गोपालगंज, मुजफ्फरपुर और वैशाली में लाल निशान के पार है. कोसी वीरपुर में 43 सेंमी और सहरसा में 9 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. महानंदा पूर्णिया और कटिहार में बढ़ रही है तो कमला बलान जयनगर में और परमान अररिया में लगातार ऊपर बढ़ती जा रही है.uttar बिहार के कई जिलों में बाढ़ का संकट पैदा हो गया है. मौसम विभाग के मुताबिक पटना, गया, नालंदा, मुजफ्फरपुर सहित बिहार के 27 जिलों में सोमवार को 15 से 22 एमएम तक बारिश होने की संभावना है. इस दौरान 30 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चलेगी. बिहार के उत्तर-पश्चिम में 11 जिलों में 25 एमएम से अधिक बारिश होने की संभावना है. इस दौरान प्रदेश के सभी हिस्सों में वज्रपात होने के आसार है.
पश्चिमी चंपारण में 13 प्रखंडों के 177 गांवों की 1 लाख 15 हजार आबादी बारिश और बाढ़ से प्रभावित है. पिछले एक सप्ताह में नौतन, पिपरासी, चनपटिया, योगापट्टी, गौनाहा, बगहा-1, बगहा-2, भितहा, सिकटा, ठकराहा, नरकटियागंज, लौरिया और मझौलिया प्रखंड की बड़ी आबादी बाढ़/जलभराव का सामना कर रही है. पश्चिमी चंपारण ही नहीं, गोपालगंज, सारण और पूर्वी चंपारण जिले के करीब 26 प्रखंडों की बड़ी आबादी बाढ़-जलभराव से जूझ रही है.सारण जिला के 3 प्रखंडों- पानापुर, तरैया और मशरक के कई घरों में भी पानी प्रवेश कर रहा है. पूर्वी चंपारण के चार प्रखंड के 62 गांव बाढ़ के पानी से घिरे हैं. गोपालगंज जिला जिले के 6 प्रखंडों के 42 गांव बाढ़ में डूबे हैं और 16035 लोग प्रभावित है.
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