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एलजेपी का असली मालिक कौन चिराग पासवान या पशुपति कुमार पारस?

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सिटी पोस्ट लाइव : पशुपति पारस के द्वारा एलजेपी को तोड़े जाने का मामला अब चुनाव आयोग में पहुँच चूका है.20 जून को एलजेपी राष्ट्रीय कारिणी की बैठक होने वाली है .इसी में तय होना है कि आखिरकार एलजेपी का असली उतराधिकारी कौन है?पशुपति पारस या फिर चिराग पासवान?सबकी नजर चुनाव आयोग के फैसले पर टिकी है. राजनीति में कोई किसी का नहीं होता, इस कहावत को एकबार चरितार्थ कर दिखाया है एलजेपी के सांसद पशुपति पारस ने.. पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति के सदस्यों की सूची भी महत्वपूर्ण भूमिका निभानेवाली है. चुनाव आयोग से लेकर न्यायालय तक पारस गुट और चिराग गुट के लिए यहीं सूची बेहद अहम साक्ष्य साबित होनेवाला है.हालांकि राष्ट्रीय कार्यकारिणी में कितने सदस्य किस गुट के साथ हैं यह अभी तक साफ नहीं है, लेकिन दावा दोनों ही गुट की ओर से हो रहा है.

एलजेपी मे दो वर्षों से राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सूची अपडेट नहीं हुई है. ऐसे में यह मामला थोड़ा उलझा हुआ भी प्रतीत हो रहा है. चिराग पासवान गुट की ओर से शुक्रवार को चुनाव आयोग के पास अपना पक्ष रखा गया. वहां चिराग गुट ने पशुपति पारस को राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित किए जाने को असंवैधानिक बताया. इस दौरान चिराग गुट ने 77 सदस्यों के नाम आयोग को सौंप दी है. हालांकि पारस गुट ने चुनाव आयोग को कार्यसमिति की सूची अब तक नहीं सौंपी है.चिराग पासवान ने चुनाव आयोग से साफ कहा कि पशुपति नाथ पारस को पार्टी अध्यक्ष बनाने के लिए पटना में बुलाई गई बैठक पूरी तरह से असंवैधानिक थी. इसमें राष्ट्रीय कार्यकारी के सदस्यों की उपस्थिति ना के बराबर थी. केवल नौ सदस्यों ने पारस को पार्टी का अध्यक्ष चुना.

चिराग पासवान ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर पार्टी के चुनाव चिह्न और झंडे के इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग की है.अब चिराग ने रविवार को दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई हैं. माना यह भी जा रहा है कि इस बैठक में वो बड़ा बदलाव कर सकते हैं.गौरतलब है कि बागी गुट द्वारा पशुपति पारस को बृहस्पतिवार को पार्टी का नया राष्ट्रिय अध्यक्ष चुन लिया गया है. उनके साथ पार्टी के छह में से पांच लोकसभा सदस्य हैं. इन सदस्यों में चंदन सिंह, सूरजभान सिंह, महबूब अली कैसर, प्रिंस राज और वीणा देवी शामिल हैं.

अध्यक्ष चुने जाने के बाद पशुपति पारस शुक्रवार को ही दिल्ली पहुंच चुके हैं. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि वे जल्द ही अपनी कार्यसमिति की सूची आयोग को सौंपेगे. साथ ही उन्होंने कहा कि फिलहाल राष्ट्रीय अध्यक्ष का नियुक्ति पत्र और पार्टी संविधान की प्रति आयोग को सौंपी है. इस बाबत चिराग ने आयोग से आग्रह किया कि LJP संवैधानिक रुप से उनकी पार्टी है. बहरहाल अब रविवार को एक तरफ चिराग गुट के राष्ट्रीय कारिणी की बैठक के बीच अब दोनों गुटों की नजरें चुनाव आयोग के फैसले पर टिकी हैं कि आखिर आयोग क्या फैसला लेता है.

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