सिटी पोस्ट लाइव : बिहार बोर्ड के में मैट्रिक और इंटर के छात्रों के लिए एक बड़ी खबर है. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (Bihar School Examination Board) ने मैट्रिक और इंटर में एक या दो विषयों में फेल हो गए परीक्षार्थियों को विशेष ग्रेस मार्क्स (Special Grace Marks) देकर उत्तीर्ण करने का फैसला लिया है. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के इस फैसले का लाभ मैट्रिक और इंटर के बाद से 2 लाख 16 हज़ार 63 परीक्षार्थियों को मिलेगा, जो एक या दो विषयों में अनुत्तीर्ण हो गए थे. दरअसल, वैश्विक महामारी कोरोना की संभावना के मद्देनजर समिति ने मैट्रिक और इंटर की कंपार्टमेंटल परीक्षा (Compartmental Exam) आयोजित नहीं करने का फैसला लिया है.
बिहार के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी के अनुसार वर्तमान स्थिति को देखते हुए फिलहाल मैट्रिक और इंटर का कंपार्टमेंटल एग्जाम संचालित करना संभव नहीं है.मौजूदा स्थिति में एक या दो विषय में फेल करने वाले परीक्षार्थियों को विशेष ग्रेस मार्क्स देकर पास किया गया है. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के प्रस्ताव को शिक्षा विभाग ने हरी झंडी दे दी है. शनिवार की शाम तक सफल परीक्षार्थियों की सूची बोर्ड की वेबसाइट पर जारी कर दी जाएगी. परीक्षार्थी 19 जून की शाम से अपना रिजल्ट देख पाएंगे. इसके साथ ही शनिवार से प्रारंभ इंटरमीडिएट के नामांकन प्रक्रिया में ऐसे परीक्षार्थी शामिल हो सकते हैं. इस वर्ष इंटर की परीक्षा में 13 लाख 40 हज़ार 267 परीक्षार्थी शामिल हुए थे, जिसमें से 10 लाख 48 हज़ार 846 परीक्षार्थी उत्तीर्ण घोषित किए गए थे.
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा ग्रेस मार्क्स देने के बाद 94 हज़ार 747 परीक्षार्थी सफल घोषित हुए हैं. अब इंटर में कुल सफल परीक्षार्थियों की संख्या 11लाख 46 हज़ार 320 हो गई है. उतीर्णता का भी प्रतिशत 85.53 हो गया है. ग्रेस मार्क्स का लाभ प्राप्त करने वालों में कला संकाय के 53 हज़ार 939 परीक्षार्थी वाणिज्य संकाय के 1814 परीक्षार्थी और विज्ञान संकाय के 40 हज़ार 691 परीक्षार्थी शामिल हैं. मैट्रिक परीक्षा में 16 लाख 54 हज़ार 171 परीक्षार्थी शामिल हुए थे जिसमें 12 लाख 93 हज़ार 54 परीक्षार्थी सफल हुए हैं. बोर्ड द्वारा ग्रेस देने के बाद 1 लाख 21 हज़ार 316 परीक्षार्थियों को सफल घोषित किया गया है. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति कोरोना संक्रमण के कारण छात्र हित में यह महत्वपूर्ण फैसला लिया है. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने इसके लिए शिक्षा विभाग से सहमति मांगी थी और शिक्षा विभाग ने छात्र हित में अपनी सहमति जता दी है.
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