सिटी पोस्ट लाइव : नेपाल की तराई ईलाकों से आ रही बारिश की पानी की वजह से बिहार की ज्यादातर नदियाँ उफान पर हैं.कई नदियाँ खतरे के निशाँन से ऊपर बह रही हैं. गोपालगंज जिले के सैकड़ों गांव अबतक जलमग्न हो चुके हैं. गंडक नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण तटबंधों पर काफी दबाव बढ़ गया है. तटबंधों को बचाने के लिए जल संसाधन विभाग के अधिकारी लगातार पेट्रोलिंग कर रहे हैं. डीएम एसपी और जिले के अन्य अधिकारी भी तटबंधों की दिन रात निगरानी कर रहे हैं. जल संसाधन विभाग के द्वारा दावा किया जा रहा है कि कटाव निरोधी कार्य युद्ध स्तर पर कराया जा रहा है.
देवापुर रिंग बांध का निरीक्षण करने पहुंचे जल संसाधन विभाग के चीफ इंजीनियर प्रकाश दास ने कहा कि बरौली के देवापुर में सारण मुख्य बांध और रिंग बांध पर कोई खतरा नहीं है. पाइलिंग के जरिए इस तटबंध को मजबूत किया गया है. रिंग बांध भी पूरी तरह सुरक्षित है. उन्होंने कहा कि अभियंताओं की टीम बुलाई गई है जो लगातार तटबंधों की निगरानी करेंगे. हालांकि मौके पर पहुंचे देवापुर निवासी व पूर्व विधायक अजीत सिंह ने कहा कि पिछले साल देवापुर में रिंग बांध टूट गया था और उसके टूटने के कुछ देर के बाद ही सारण मुख्य बांध भी टूट गया था. इस वजह से पूरे इलाके में भीषण तबाही हुई थी. रिंग बांध के मरम्मत कार्य का टेंडर काफी विलंब से निकाला गया.
जल संसाधन विभाग के चीफ इंजीनियर प्रकाश दास ने कहा कि 30 अप्रैल तक काम कर लिया जाना था, लेकिन कोरोना की वजह से 15 मई तक अवधि बढ़ाई गई. लेकिन, जून का महीना आधा बीत चुका है और अभी तक यहां पर मजबूती कार्य को लेकर ग्रामीण आश्वस्त नहीं हैं. उन्हें आशंका है कि गोपालगंज में दोबारा बाढ़ आ सकती है.
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