सिटी पोस्ट लाइव : महाराष्ट्र की ब्लैकलिस्ट कंपनी से बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रतिदिन मोटी रकम पर आरटीपीसीआर वैन लिए जाने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. एक अखबार के अनुसार इस कंपनी को सरकार ने न केवल ज्यादा किराया दिया बल्कि उससे पूरा काम भी नहीं लिया. करार के अनुसार कंपनी को हर रोज 1000 हजार सैम्पल जांच रिपोर्ट देनी थी लेकिन कंपनी ने 13 दिनों में महज 908 सैंपल ही दे सकी. गौरतलब है कि इसके पहले अम्बुलेंस को लेकर बवाल हुआ था.अब आरटीपीसीआर वैन को लेकर सरकार निशाने पर है.
गौरतलब है कि आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग ने ब्लैकलिस्टेड कंपनी से कोरोना जांच वैन भाड़े पर ली . बदले में सरकार प्रतिदिन 6 लाख रू किराया दे रही है. वैन से जो जांच किये जा रहे हैं उसका खर्च प्रति सैंपल 8590 रू आ रहा. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक बार फिर से इस मामले को लेकर नीतीश पर हमला किया है. तेजस्वी यादव ने कोरोना संकट में हो रही लूट का आरोप लगाया है. आँकड़ों के माध्यम से नेता प्रतिपक्ष ने स्वास्थ्य विभाग की पूरी पोल खोल दी है. तेजस्वी ने सीएम नीतीश को भ्रष्टाचार का भीष्म पितामह कहा है.
ट्वीट कर तेजस्वी ने कहा है कि नीतीश कुमार के कारनामे -आँकड़ों की ज़ुबानी. उन्होंने आगे लिखा है कि Black Listed कंपनी से वैन किराए पर ली.प्रतिदिन का किराया-6 लाख₹.इस तरह से 13 दिन का कुल किराया-78 लाख ₹. जबकि 13 दिन में कुल सैम्पल-1355 लिया गया। इस तरह से 13 दिन मे कुल जाँच रिपोर्ट दी-908. यानी एक कोरोना टेस्ट की औसतन कीमत- (7800000/908)= 8590₹। तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश सरकार ने जो आरटीपीसीआर वैन चला रही है उसके द्वारा जो जांच की जा रही उसमें एक जांच का खर्च 8590 रू आ रहा.
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