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बिहार में लॉकडाउन का असर,14,836 से घटकर 711 पहुंचे नए केस, रिकवरी रेट 19.77% बढ़ा.

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सिटी पोस्ट लाइव :बिहार सरकार के आंकड़ों पर अगर भरोसा किया जाए तो बिहार में लॉकडाउन के 35 दिनों में कोरोना पूरी तरह से काबू में आ गया है. पाबंदियों के कारण वायरस का संक्रमण बहुत कम हो चूका है. 35 दिन में 1,75,913 नए मामले सामने आए, जिसमें 2,79,024 ने संक्रमण को मात दी। इस दौरान रिकवरी रेट भी 19.75% बढ़ गया.5 मई को राज्य में 14,794 नए मामले आए थे. इस दिन तक राज्य में कुल 5,23,841 लोग कोरोना संक्रमित हो चुके थे. कुल ठीक होने वालों की संख्या 4,10,484 थी. 5 मई तक राज्य में 2,926 लोगों की मौत हो चुकी थी. एक्टिव मामलों की संख्या 1,10,430 थी और रिकवरी रेट 78.36% थी। 35 दिन में ही तस्वीर बदल गई.
35 दिन पहले जब लॉकडाउन नहीं था तो एक दिन में मौत का आंकड़ा 50 से 100 तक पहुंच जाता था. अब यह आंकड़ा काफी कम हो गया है.लेकिन सरकारी आंकड़ों में बड़ा गड़बड़झाला भी उजागर हो रहा है.स्वास्थ्य विभाग की जांच में 70 फीसदी मौतों के आंकड़ों को छुपा लेने का मामला सामने आया है.वैसे जानकारों का कहना है कि संक्रमण को मात देने के लिए सरकार का लॉकडाउन का निर्णय काफी कारगर साबित हुआ है.इस कारण से ही लोगों में सोशल डिस्टेंस का नियम कायम रखा जा सका, जो कोरोना के ग्राफ को तेजी से कम करने में काफी अहम रहा. इस दौरान ही कोरोना के आंकड़ों में अप्रत्याशित कमी आई है.

बिहार सरकार ने लॉकडाउन को बढ़ाया जो 25 मई तक प्रभावी किया गया। इस दौरान कोरोना संक्रमण के नए मामलों में कमी आई और आंकड़ा 50,711 पहुंच गया.बिहार सरकार ने तीसरे स्टेप में लॉकडाउन फिर बढ़ा दिया. 26 मई से 1 जून तक के लिए इसे प्रभावी कर दिया गया. इस दौरान संक्रमण के नए मामले काफी कम हो गए। इस बीच मात्र 12,209 नए मामले आए.बिहार सरकार ने चौथे स्टेप में लॉकडाउन को 2 जून से 8 जून तक बढ़ाया. 2 जून से 8 जून के बीच लॉकडाउन के दौरान तेजी से नए मामले कम हुए. 2 से 8 जून तक 6,655 नए मामले आए.

नालंदा मेडिकल कॉलेज (NMCH) के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के डॉ. संजय कुमार का कहना है कि जब भी तेजी से मामला बढ़ता है तो कम भी होने का ग्राफ उतनी ही तेजी से होता है. इसमें सबसे बड़ा मामला यह है कि एक्टिव मामलों की संख्या तेजी से कम होती है. बिहार में भी संक्रमण का मामला तेजी से आया तो कोरोना पीक पर था. लेकिन एक साथ अधिक संख्या में संक्रमण के मामले तेजी से आने के साथ निर्धारित 15 से 28 दिन के अंदर स्वस्थ होने वालों का मामला भी तेजी से बढ़ा.

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