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जानिए सूर्य ग्रहण कहां कब आएगा नजर, बिहार पर नहीं होगा कोई असर.

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सिटी पोस्ट लाइव : आज गुरुवार 10 जून को साल 2021 का पहला सूर्यग्रहण लग रहा है.इस ग्रहण में चंद्रमा की छाया सूर्य पर इस तरह से पड़ेगी कि सूर्य के बीच का भाग पूरी तरह से ढक जाएगा, लेकिन उसका बाहरी हिस्सा प्रकाशित दिखेगा. यह वलयाकार सूर्य ग्रहण साल 2021 के खगोलीय दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस साल दो सूर्य और दो चंद्र ग्रहण लग रहे हैं. इसमें एक चंद्रग्रहण 26 मई को लगा था. खास बात यह है कि इन ग्रहणों में से किसी का बिहार से वास्ता नहीं है. बिहार में 10 जून के पहले सूर्य ग्रहण का सूतक नहीं लगेगा, लेकिन ज्‍योतिष शास्‍त्री मानते हैं कि सूतक काल के दौरान कुछ बातों पर अमल करने में हर्ज नहीं है. वैसे, सूर्य ग्रहण के सूतक का प्रभाव नहीं रहने के कारण महिलाएं वट सावित्री व्रत करेंगी। गुरुवार को शनि जयंती भी है.

गुरुवार का सूर्यग्रहण बिहार के साथ-साथ झारखंड, बंगाल व ओडिशा में नहीं दिखेगा. भारत में यह ग्रहण केवल अरुणाचल प्रदेश व लद्धाख में ही नजर आएगा. यह सूर्य ग्रहण पूर्ण रूप से उत्तरी अमेरिका, यूरोप और एशिया में आंशिक तथा उत्तरी कनाडा, ग्रीनलैंड और रूस में पूर्ण रूप से नजर आएगा. यह ग्रहण अपराह्न 01:42 बजे शुरू होकर शाम 06:41 बजे तक रहेगा. दुनिया के विभिन्‍न हिस्सों में यह भारतीय समय के अनुसार सुबह 11:42 बजे से आरंभ होकर शाम को लगभग 6:41 बजे तक रहेगा. भारत में अरुणाचल प्रदेश में सूर्यग्रहण शाम 5:52 बजे देखा जा सकेगा। लद्​दाख में यह शाम छह बजे दिखेगा.

सूर्यग्रहण में सूर्य चारों तरफ एक अंगूठी जैसी आकृति बनती दिखेगी. ऐसे सूर्य ग्रहण रिंग ऑफ फायर की तरह नजर आएगा. इस पक्रकार के ग्रहण में चंद्रमा की छाया सूर्य पर इस तरह से पड़ती है कि सूर्य के बीच का भाग पूरी तरह से ढक जाता है, लेकिन उसका बाहरी हिस्सा प्रकाशित दिखता है.यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, इसलिए सूतक समेत धार्मिक नियम भी लागू नहीं होंगे. ज्योतिषाचार्यों के अनुसार सूर्यग्रहण दिखने की स्थिति में ग्रहण के 12 घंटे के पहले से ग्रहण की समाप्ति तक सूतक काल माना जाता है. सूतक काल के दौरान पूजा वर्जित रहता है, लेकिन गुरुवार के सूर्यग्रहण का सूतक मान्‍य नहीं होने के कारण वट सावित्री और शनि जयंती मनाने पर रोक नहीं होगी.

यह सूर्य ग्रहण 26 मई के साल के पहले चंद्र ग्रहण के 15 दिनों के भीतर ही आ रहा है. एक पखवारे के भीतर दो ग्रहण की घटनाओं को ज्‍योतिष में अशुभ माना जाता हैइस वज‍ह से प्राकृतिक आपदाओ में वृद्धि की आशंका है. यह राशियों पर भी शुभ-अशुभ प्रभाव डालता है, जिसका असर ग्रहण क्षेत्र से इतर पूरी दुनिया पर पड़ सकता है. इस सूर्य ग्रहण का सर्वाधिक प्रभाव बृषभ राशि और मृगशिरा नक्षत्र में होगा.अब साल 2021 का अगला व अंतिम सूर्य ग्रहण चार दिसंबर को लगेगा. वह पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा.

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