सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड सरकार राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों में कोरोना से मृत मरीज में कौन से वैरिएंट से मौत हुई है इसका पता लगाएगी। इसके लिए राज्य में अब तक कोविड से होने वाली मौत के सभी मृतकों के सैंपल के होल जेनोमिन सिक्वेंसिंग के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज भुवनेश्वर भेजेगी। सरकार इसके जरिये यह पता लगायेगी कि राज्य में कितने प्रकार के कोविड के म्यूटेंट एक्टिव थे और कौन सा कितना खतरनाक है। सरकार ने निर्णय लिया है कि राज्य में कोविड के सबसे ज्यादा संक्रमित इलाके (जहां सबसे ज्यादा आउटब्रेक हो रहे) के 15 सैंपल हर 15 दिन में जेनोमिन सिक्वेंसिंग के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज भुवनेश्वर भेजेगी। जिससे म्युटेंट की सक्रियता का अंदाजा लगाया जा सके और उस पर काबू पाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा सकें।
इस संबंध में स्वास्थ्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने रिम्स डायरेक्टर, सभी मेडिकल कॉलेजों के प्रिंसिपल और आरटीपीसीआर लैब के संचालकों को निर्देश दिया है। उनसे कहा गया है कि सभी इस बात को सुनिश्चित करें कि 15 दिन में 15 स्टैंडर्ड सैंपल को भुवनेश्वर लैब भेजा जाए। सभी लैब संचालकों को निर्देश दिया गया है कि एक अप्रैल के बाद कोविड से हुए सभी मृतकों के सैंपल को भेजना अनिवार्य है। इसके लिए लैब संचालकों को निर्देश दिया गया है कि वे संबंधित जिले के डीसी से मृतकों का एसआरएफ पता करें और उनका सैंपल आईजीएस भेजना सुनिश्चित करें। स्वास्थ्य सचिव ने अपने निर्देश में स्पष्ट कहा है कि इसमें किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उल्लेखनीय है कि इससे पहले दस मई को झारखंड के रिम्स, एमजीएम, टीएमएच, आईआरएल, पलामू, हजारीबाग व पीएमसीएच से कुल 537 सैंपल जीनोम सिक्वेंसिग के लिए भुवनेश्वर भेजे गए थे। इनमें 301 में विदेशी म्यूटेंट की पुष्टि हुई थी।
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