सिटी पोस्ट लाइव : भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में 28 मई से लगातार 2 लाख से कम केस आ रहे हैं. लेकिन इसके बावजूद लापरवाही का समय नहीं है, खासकर बच्चों को लेकर चिंता बनी हुई है. डॉक्टरों के अनुसार बच्चों में कोरोना जब आता है तो दो रूप में आता है. एक, निमोनिया की शक्ल में जो अस्पताल में भर्ती होता है. दूसरा, कोरोना होने के बाद दो से छह हफ्ते बाद कुछ बच्चों को दोबारा फीवर आता है. आंखों में सूजन आ जाती है. सांस फूल जाती है. पूरे शरीर में कुछ होने लगता है. MIS कहते हैं यह एक नई बीमारी है लेकिन इसका इलाज कठिन नहीं है.
नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा, बच्चों में कोरोना (Corona) हमारे ध्यान में है. चूंकि ज्यादातर बच्चों को कोई गंभीर बीमारी नहीं होती इसलिए वे असिम्प्टोमैटिक ही रहते हैं. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वायरस अपना व्यवहार बदल सकता है, तो हो सकता है प्रकोप बढ़ जाए. लेकिन सरकार बच्चों को ध्यान में रखते हुए पूरी तैयारी कर रही है. उन्होंने कहा, एक्सपर्ट्स का एक ग्रुप बनाया गया है जिसके द्वारा कुछ गाइडलाइन्स दी गई हैं, जो एक-दो दिन में लागू कर दी जाएंगी.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के जॉइंट सेक्रेटरी लव अग्रवाल ने कहा, पूरे देश में इन्फेक्शन में कमी आई है. कोरोना वायरस (Coronavirus) के मामले जहां 7 मई को 4 लाख से ज्यादा आ रहे थे वहीं आज घटते-घटते 1 लाख 27 हजार पर आ गए हैं. एक्टिव केसेज को मॉनिटर करना जरूरी है. 37 लाख से घटकर करीब 19 लाख एक्टिव केस रह गए हैं.जॉइंट सेक्रेटरी लव अग्रवाल ने कहा, 30 राज्यों में बीते 1 सप्ताह से संक्रमण के मामले लगातार कम हो रहे हैं. देश में मुख्य फोकस केसेज को जल्दी ट्रेस करना है, जिससे रिकवरी रेट बढ़ा है. जहां फरवरी में करीब सात लाख टेस्ट हो रहे थे अब बीस लाख से अधिक टेस्ट हो रहे हैं. 34 करोड़ से ज्यादा टेस्ट हो चुके हैं. उन्होंने कहा, आज 6.62 फीसदी पर पॉजिटिविटी दर आ गई है. अब तक 21 करोड़ से ज्यादा टीके लगाए जा चुके हैं.
सिंगल डोज की अटकलों पर उन्होंने कहा, भारत में अभी दो डोज ही लगेंगी, कोई बदलाव नहीं है. गलतफहमी पैदा नहीं करनी चाहिए. दोनों खुराक जरूरी हैं. मिक्सिंग ऑफ वैक्सीन की संभावना है, हालांकि अभी रिसर्च चल रही है.ICMR के DG डॉ बलराम भार्गव बलराम भार्गव ने कहा, अभी भी 239 से ज्यादा जिले ऐसे हैं जहां 10 प्रतिशत से ज्यादा पाजिटिविटी दर है. उन्होंने दावा किया कि, दिसंबर तक पूरे देश को टीका लगा देंगे, टीके की कोई कमी नहीं है. अगस्त तक जरूरत से ज्यादा टीके होंगे.
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