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DMCH में कोरोना से ढाई माह के मासूम की हुई मौत, साथ ही 24 घंटे के अंदर 3 अन्य बच्चों ने तोड़ा दम

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सिटी पोस्ट लाइव: कोरोना की तीसरी लहर की चर्चाएं जोरों पर है. वहीं, तीसरी लहर बच्चों के लिए काफी खतरनाक मानी जा रही है. इसी क्रम में उत्तर बिहार के सबसे बड़े अस्पताल दरभंगा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में रविवार की शाम उस वक्त हड़कंप मच गया, जब लोगों को यह जानकारी मिली कि शिशु रोग विभाग में कोरोना से पहली मौत ढाई माह के बच्चे की हुई है. मौत की खबर सुनने के बाद पूरा अस्पताल प्रशासन हरकत में आया और बच्चे की डेड बॉडी को कोविड प्रोटोकॉल के हिसाब से परिजनों को सौपते हुए एम्बुलेंस से मधुबनी भेज दिया.

नवजात कोरोना मरीज के संबंध में बताया जा रहा है कि कोरोना से मृत बच्चा को उनके परिजन के द्वारा रविवार की सुबह 6 बजे भर्ती कराया गया. इससे पहले उसका इलाज पटना के एक प्राइवेट नर्सिंग होम में हो रहा था. जब वहां बच्चे की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उसे वहां से डिस्चार्ज कर दिया गया. जिसके बाद बच्चे के परिजन ने उसे DMCH के शिशु रोग विभाग में भर्ती कराया। वही डॉक्टर ने बच्चे की हालात को नाजुक देखते हुए शिशु विभाग के ICU के वेंटीलेटर पर रखकर बचाने की काफी कोशिश की। लेकिन इलाज के क्रम में रविवार के ही शाम 4:30 बजे उसकी मौत हो गई। वही इस उम्र के बच्चे की कोरोना से मौत का यह दुर्लभ मामला है।

इसके अलावा शिशु वार्ड में मधुबनी जिला के इटहरवा गांव निवासी रामपुनीत यादव के तीन बच्चे चंदन, पूजा व आरती की मौत भी पिछले 24 घंटे में हो गई. वही रामपुनीत यादव तीनों बच्चे को 28 मई की शाम शिशु वार्ड में भर्ती करवाया. वही 29 मई की देर शाम चंदन और पूजा की मौत हो गई तथा 30 मई को आरती की भी मौत हो गई. इन सभी को निमोनिया जैसे लक्षण थे. सभी को बुखार, सांस फूलना व देह-हाथ में सूजन से परेशान थे.

इस मामले में DMCH प्रशासन ने कहा कि एक ढाई माह की बच्चे की मौत कोरोना से हुई है. जिसे कोविड प्रोटोकॉल के तहत परिजन को सौंप दिया गया है. वहीं तीन बच्चों की मौत निमोनिया रोग से ग्रसित होने के कारण हुई है. इन लोगों की कोरोना जांच करवाई गई थी. जिसमे रिपोर्ट निगेटिव आई थी. सभी बच्चे में खून की कमी थी और निमोनिया से पीड़ित थे.

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