सिटी पोस्ट लाइव : बिहार इनदिनों कोरोना की जंग लड़ रहा है. इसे लेकर राज्य में लॉकडाउन है और कोरोना के तीसरे लहर की चेतावनी के बाद से सरकार सजग है. इसके साथ ही बिहार में बाढ़ की समस्या भी मुंह खोले खड़ी है, जिससे राज्य को हर साल युद्ध स्तरीय जंग लड़नी पड़ती है. इस विभीषिका में लाखों लोग बेघर हो जाते हैं. कईयों की जान भी चली जाती है. ऐसी परिस्थिति से लड़ने के लिए सरकार को पहले से तैयारी करनी होती है.
इसे लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समीक्षा बैठक की है. जिसके बाद आपदा प्रबंधन ने 15 जून से संभावित बाढ़ प्रभावित जिलों के गांवों व पंचायतों की रेकी कराने का निर्देश दिया है, जहां पूर्व के वर्षों में बाढ़ का कहर अधिक रहा है. इन गांवों में आपदा बल के जवान लोगों के बीच जाकर यह बतायेंगे कि कोरोना काल में अगर बाढ़ आती है, तो वह सुरक्षित कैसे बाहर निकलेंगे.
इसके लिए 10 जून से एनडीआरएफ- एसडीआरएफ के जवान जिलों में तैनात हो जायेंगे. रेकी के दौरान गर्भवती महिलाएं, बुजुर्ग व बच्चों का ब्योरा बनेगा, ताकि बाढ़ के दौरान राहत व बचाव कार्य के समय आपदा बल को मालूम रहेगा कि किस गांव में बच्चे, बुजुर्ग और गर्भवती की संख्या कितनी है और उन्हें पहले निकाला जा सके.
गौरतलब है कि बिहार में अभी कोरोना का प्रभाव खत्म नहीं हुआ है. लॉकडाउन में कोई ढील भी दी नहीं गई है. यही नहीं आने वाले दिनों में कोरोना का प्रभाव बना ही रहने वाला है. कोरोना की तीसरी लहर को अभी बिहार को झेलना है, इस बीच बाढ़ की समस्या भी झेलनी है. जिसका साफ़ अर्थ है कि अभी मुसीबत बिहार में खत्म नहीं होने वाली है.
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