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रेमडेसिविर का रिएक्शन, इंजेक्शन लगते ही मरीजों का ऑक्सीजन लेवल गिरा.

पटना के 3 अस्पतालों ने जांच की मांग की, कहा -रोगियों में काफी संवेदनशील रिएक्शन हुआ है.

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सिटी पोस्ट लाइव :बिहार में जिस रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए मारामारी मची थी ,आज उसी रेमडेसिविर इंजेक्शन ने कोरोना मरीजों की मुश्किलें बढ़ा दी है. इंजेक्शन लगने के बाद किसी मरीज का ऑक्सीजन लेवल तेजी से डाउन हो रहा है तो किसी में नई बीमारी सामने आ रही है. पटना में ऐसे कई केस सामने आए हैं. अब यह सवाल उठ रहा है कि कहीं गुजरात में पकड़े गए नकली रेमडेसिविर की खेप यहां तो नहीं पहुंच गई है.ऐसी घटनाओं से परेशान डॉक्टर्स ने इंजेक्शन की जांच करने की मांग की है. पटना के तीन बड़े अस्पतालों ने इंजेक्शन के रिएक्शन की डिटेल औषधि नियंत्रण निदेशालय को भेजी है.

राज्य औषधि नियंत्रक रविंद्र सिंह ने 10 मई को बिहार मेडिकल सर्विसेज एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन लिमिटेड (BMSICL) के MD को भेजी चिट्ठी में कहा है कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की जांच कराई जाए. इसके लिए उन्होंने उन 3 अस्पतालों के पर्चे को भी दिया है जिसमें इंजेक्शन को लेकर शिकायत की गई है.कई अस्पतालों से तो  गंभीर रिएक्शन की बात सामने आई है. राज्य औषधि नियंत्रक ने जिन 3 अस्पतालों का जिक्र किया है, वे पटना के ऐसे अस्पताल में जहां कोरोना के मरीजों की लाइन लगी रहती है और पिछले दिनों रेमडेसिविर इंजेक्शन की भी खूब डिमांड थी.

राज्य औषधि नियंत्रक की चिट्ठी में कहा गया है कि कई मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाते ही उन्हें सर्दी लगने लगी. इसके बाद ऑक्सीजन लेवल भी डाउन हो गया. ऐसे में रेमडेसिविर इंजेक्शन के रिएक्शन की तुरंत जांच कराई जाए.श्री साईं हॉस्पिटल ने 10 मई को औषधि नियंत्रण निदेशालय को बताया कि उन्हें मिले कुल 19 वायल रेमडेसिविर इंजेक्शन का रोगियों में काफी संवेदनशील रिएक्शन हुआ है.पारस HMRI हॉस्पिटल ने भी निदेशालय को बताया है कि 8 मरीजों में हाइपर सेंसिटिविटी रिएक्शन देखा गया है. उन्हें इंजेक्शन देने के बाद काफी दिक्कतें आ रही हैं. कई मरीजों में कंपकंपी के साथ उनका ऑक्सीजन लेवल भी कम हो गया था.

जिन अस्पतालों ने रेमडेसिविर इंजेक्शन पर सवाल खड़े किए हैं उन्हें सरकार ने खरीदा है. बिहार में BMSICL के जरिए इंजेक्शन की खरीदारी की गई है. यह सरकार की संस्था है, जिसके जरिए बिहार में दवाओं से लेकर मेडिकल सामान की खरीदारी होती है. रेमडेसिविर की मारामारी हुई थी तो सरकार ने हजारों डोज की खरीदारी की थी और अस्पतालों में सप्लाई की गई थी.बिहार में रेमडेसिविर इंजेक्शन की सप्लाई दो तरह से हुई. एक तो पटना में संबंधित कंपनियों की एजेंसियों के जरिए लोगों को इंजेक्शन दिए गए और दूसरा BMSICL के जरिए सप्लाई दी गई. पटना के जिन 3 बड़े अस्पतालों ने सवाल खड़े किए हैं उन्हें BMSICL ने ही इंजेक्शन दिए थे.

गौरतलब है कि NMCH ने पहले ही रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर चेताया था.नालंदा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (NMCH) के अधीक्षक डॉ. विनोद कुमार ने तो काफी पहले ही पत्र लिखकर डॉक्टर्स से कहा था कि रेमडेसिविर इंजेक्शन का इस्तेमाल कोरोना के मरीजों पर नहीं करें. इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी कहा था कि रेमडेसिविर इंजेक्शन का कोरोना के मरीजों पर कोई असर नहीं होता है.

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