सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड में कोविड-19 संक्रमण के फैलाव के साथ ही साथ ही ब्लैक फंगस के भी कई मरीज मिलने पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने चिंता व्यक्त करते हुए सभी प्रशासनिक अधिकारियों और स्वास्थ्य विभाग को सतर्क रहने का निर्देश देते हुए इस संक्रमण पर तत्काल प्रभावी तरीके से नियंत्रण पाने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री सोमवार को रामगढ़ जिले के घाटो में ऑक्सीजन युक्त 80 बेडेड कोविड केयर सेंटर के ऑनलाइन उदघाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें यह जानकारी उपलब्ध करायी गयी है कि कोरोना संक्रमित मरीज और ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे मरीजों को ब्लैक फंगस का भी सामना कर रहा है, इस पर नजर बनाये रखने की जरुरत है और यह संक्रमण आगे ना फैले, इसके लिए आवश्यक इंतजाम किये जाए।
हेमंत सोरेन ने कहा कि संक्रमण से प्रभावित परिवारों के लिए राज्य सरकार की ओर से हरसंभव सहायता उपलब्ध करायी जा रही है। कोरोना संक्रमितों की मौत होने पर सरकार की ओर से निःशुल्क लकड़ी की व्यवस्था की गयी है और कब्रिस्तान में गहराई तक गड्ढा खोदने के लिए जेसीबी मशीन का इंतजाम प्रशासन को करने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से प्रत्येक गांव में ऑक्सीमीटर और दवाईयां उपलब्ध कराने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमितों की पहचान की व्यवस्था की गयी है। कोविड टेस्ट के लिए रैपिड एंटीजन टेस्ट को लेकर 20 लाख किट उपलब्ध करा दिये गये है और 50 लाख अतिरिक्त किट केंद्र सरकार से उपलब्ध कराने का आग्रह किया गया है, ताकि आरटीपीसीआर जांच भले ही ना हो, लेकिन रैट टेस्ट के माध्यम से सभी संदिग्ध लोगों की जांच पूरी हो सके।
इसके अलावा प्रत्येक प्रखंड मुख्यालयों में ऑक्सीजन युक्त दो-दो एंबुलेंस की व्यवस्था की गयी है। राज्य सरकार सभी जिलों में ऑक्सीजन बैंक भी व्यवस्था करने की तैयारी में हुटी है। इसके अलावा हर दिन, हर घड़ी नयी समस्या आ रही है, इसलिए फूल एंड फाइनल तैयारी इसे नहीं कहा जा सकता, जो भी सुझाव आएंगे, सरकार उन सुझावों पर विचार कर निर्णय लेगी और यह प्रयास कोरोना संक्रमण से निपटने में मील का पत्थर साबित होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण के दूसरे वेब के प्रारंभिक दौर में अफरा-तफरी की स्थिति उत्पन्न हुई थी, लेकिन उसे काफी हद तक नियंत्रित करने में सफलता मिली है और और ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण के अंकुश पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी जानते है कि झारखंड का ग्रामीण परिवेश में लोग संकोची होते है, कई भ्रांतियों और अफवाह का भी सामना करना पड़ता है। इसके बावजूद वैक्सीनेशन को लेकर इतनी तेज गति आयी, यह काफी सुखद है और इसके लिए वे सभी प्रति शुक्रिया अदा करते हैं।
इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि कोरोना संक्रमण से मृत्यु होने पर राज्य सरकार उन्हें भी कोरोना योद्धा मान कर आवश्यक सहायता उपलब्ध कराने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना जांच के लिए राज्य में निःशुल्क व्यवस्था की गयी है, हालांकि चार निजी लैब को भी जांच की अनुमति दी गयी है। इन लैब मे प्रारंभिक दौर में 4500 रुपये कोविड टेस्ट के लिए राशि ली जा रही थी, अब यह घटकर 400 रुपये हो गयी है। सांसद जयंत सिन्हा ने ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण पर अंकुश को लेकर आंगनबाड़ी सेविका और सहिया बहनों के माध्यम से संक्रमितों की पहचान करने और जागरूकता के लिए मुख्यमंत्री और अन्य के संदेश का गांव-गांव तक प्रचार-प्रसार करने का सुझाव दिया।
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