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ताजा शोध में बड़ा खुलासा, कोरोना वायरस के कहर से कबतक मिलेगी मुक्ति?

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सिटी पोस्ट लाइव:कोरोना के संक्रमण से पूरी दुनिया में तबाही मची है.सके जेहन में एक ही सवाल है-कब मिलेगी इससे मुक्ति? अब एक ताजा अध्‍ययन से इस सवाल का जबाब मिल गया है.शोध में खुलासा हुआ है कि कोरोना वायरस महामारी पूरे साल कई बार अपने चरम पर आएगी और फिर कम होगी. इस तरह कोरोना के कहर से पूरे सालभर दुनिया को जूझना पड़ेगा.

जर्नल साइंटफिक रिपोर्ट में प्रकाशित शोध पत्र में कहा गया है कि सर्दियों में ज्‍यादा मामले आएंगे और गर्मियों के मौसम में कम मामले देखने को मिलेंगे. भूमध्‍य रेखा के पास मौजूद देशों में कोरोना वायरस के कम मामले सामने आएंगे जबकि जो देश धरती के उत्‍तरी और दक्षिणी हिस्‍से में स्थित हैं, उन्‍हें ज्‍यादा कोरोना वायरस मामलों से जूझना पड़ेगा. शोधकर्ताओं ने 117 देशों के आंकड़े के आधार पर यह शोध प्रकाशित किया है.

इस शोध के दौरान यह जानने का प्रयास किया गया कि किसी देश की अक्षांश रेखा का वहां कोरोना वायरस के मामलों की संख्‍या पर क्‍या असर पड़ता है. इस शोध को हेइडेलबर्ग इंस्‍टीट्यूट ऑफ ग्‍लोबल हेल्‍थ जर्मनी और चाइनीज अकादमी ऑफ मेडिकल साइंसेज ने अंजाम दिया है. इसमें पाया गया कि धरती के भूमध्‍य रेखा से एक अक्षांश रेखा बढ़ने पर 10 लाख की आबादी पर 4.3 प्रतिशत कोरोना वायरस मामलों की वृद्धि होती है.

शोधकर्ताओं के अनुसार  देश भूमध्‍य रेखा के पास हैं, उनमें 10 लाख की आबादी पर 33 फीसदी मामले कम हैं. सूरज की यूवी लाइट कोरोना वायरस को कमजोर या मार सकती है. इसका मतलब यह है कि दुनिया में गर्मी के मौसम में कोरोना वायरस के कम मामले सामने आएंगे. हालांकि उन्‍होंने यह भी कहा कि इसका मतलब यह है कि गर्मियों के मौसम में कोरोना वायरस महामारी खत्‍म नहीं हो जाएगी.यह शोध ऐसे समय पर आया है जब दुनियाभर में इस महामारी से कोहराम मचा हुआ है. इस बीच कोरोना वायरस के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 15.24 करोड़ के पार पहुंच गई है, जबकि 31.9 लाख से अधिक लोग इस बीमारी से अपनी जान गंवा चुके हैं.

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