सिटी पोस्ट लाइव :कोरोना से पुरे देश में हाहाकार मचा हुआ है.आम और खास लोगों की मौत का सिलसिला जारी है.ऐसे में अगर घर पर ही कोरोना का इलाज की व्यवस्था हो जाए तो फिर क्या कहना? कोविड से बचाव का टीका बनाने वाली कंपनी फाइजर (pfizer) ने अब संक्रमित लोगों के इलाज के लिए एक ऐसी बना लेने का दावा किया है जिसकी सिर्फ एक गोली से कोरोना मरीज ठीक हो जायेगें. अभी इसे PF-07321332 नाम दिया गया है. इस दवा के क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है. अगर ये प्रयोग सफल रहा तो तो घर पर ही कई लोग ठीक हो जाएंगे और अस्पताल ले जाने की जरूरत नहीं होगी.
अभी इस दवा के फेज 1 ट्रायल अमेरिका और बेल्जियम में 18 से 60 साल की उम्र के 60 स्वस्थ लोगों पर चल रहा है. अभी तक इसकी जानवरों पर टेस्टिंग हुई थी जिसमें किसी तरह का सेफ्टी रिस्क सामने नहीं आया.मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यह दवा एचआईवी के उपचार में इस्तेमाल होने वाली ऐंटी रेट्रोवायरल दवा जैसी है. इस तरह की दवा शरीर में वायरस का लेवल (वायरल लोड) इतना कम कर देती है कि उसे पहचाना भी नहीं जा सकता. इससे वायरस बढ़त नहीं बना पाता और बाकी लक्षणों का इलाज करके मरीज ठीक हो जाता है.
इस दवा को प्रोटीज इनहिबिटर तकनीक पर बनाया गया है. दवा वायरल के एंजाइम पर असर करती है और वायरस कोशिकाओं में अपनी कॉपी नहीं बना पाता. एचआई के अलावा हेपेटाइटिस सी वायरस के खिलाफ भी इसी तरह की तकनीक पर दवा बनी हैं.फाइजर का कहना है कि इस दवा ने SARS-CoV-2 के अलावा बाकी कोरोना वायरस पर भी अपना असर दिखाया है. ऐसे में भविष्य में अगर कोरोना वायरस का नया रूप आता है तो उस पर भी यह दवा असर करेगी. कंपनी का कहना है कि पहले फेज के ट्रायल में कुछ ही स्वस्थ लोगों पर दवा का ट्रायल किया जा रहा है क्योंकि अभी यह देखना है कि इंसानी शरीर इस दवा को कितना झेल पाता है. अगर सबकुछ सही रहा तो फेज 2 और फेज 3 ट्रायल बड़ी तादाद में लोगों पर किया जाएगा. अभी दवा पर रिसर्च ही चल रही है, ऐसे में यह कह पाना मुश्किल है कि यह कब तक बाजार में आ पाएगी.
मुंह से ली जाने वाली गोली के अलावा फाइजर इंजेक्शन के जरिए दी जाने वाली डोज का भी ट्रायल कर रही है. इसे नाम दिया गया है PF- 07304814 । इसका अभी फेज 1-बी मल्टी डोज ट्रायल चल रहा है. इसे अभी अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमित लोगों को दिया जा रहा है. फाइजर के चीफ साइंटिफिक ऑफिसर माइकल डॉलस्टन का कहना है कि इस दवा को मुंह से ली जाने वाली गोली के तौर पर इसलिए बनाया गया है, ताकि संक्रमण का पहला लक्षण दिखते ही व्यक्ति को यह दी जा सके. इससे मरीज को अस्पताल ले जाने या आईसीयू में दाखिले की जरूरत नहीं रहेगी.
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