सिटी पोस्ट लाइव :पटना AIMS से एक वीडियो वायरल हो रहा है. पटना AIIMS में अपने पिता का ईलाज करवा रही दो बेटियों ने इसे बनाया है. वैष्णवी और मोना सिंह नामक दो बेटियां अपने पापा और खुद की आपबीती बता रही हैं.दोनों बेटियां वीडियो को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक शेयर करने की अपील कर रही हैं. वे बता रही है कि उनके पापा थर्ड फ्लोर पर C-3 A वार्ड में भर्ती थे. वो बता रही है कि उनके भाई भी पॉजिटिव हैं और मां की भी तबियत खराब है. वह पापा का डेथ सर्टिफिकेट दिखा कर आरोप लगा रही है कि इसमें कई बातें झूठ लिखी हुई हैं. उन्हें हाइपरटेंशन का मरीज बना दिया. बेटियां कह रही हैं कि उनके पापा के साथ जो हुआ वह और किसी के पापा के साथ न हो इसलिए वीडियो बना रही हैं.
इन दोनों बेटियों के अनुसार पटना AIIMS में थर्ड फ्लोर पर उनके पापा एडमिट थे. “पापा को कोविड था. पहले हमलोगों ने उन्हें प्राइवेट अस्पताल में एडमिट किया था. वहां ऑक्सीजन की कमी की वजह से यहां किसी तरह 15 तारीख की रात साढ़े 10 बजे एडमिट हुए. दूसरे दिन से रोज हमलोग पूछते थे कि पापा ने खाना खाया कि नहीं? एक दिन पापा ने बताया कि शाम 5 बज रहे हैं और सुबह से 10 बार हाथ-पैर जोड़े, पर बेटा कोई खाना नहीं देता है. प्यास लगती है बेटा, पर कोई पानी नहीं देता है. मैंने नर्स को फोन कर कहा कि मेरे पापा को पानी पिला दीजिए. मुझे बताया जाता कि खाना और पानी दिया जा रहा है, लेकिन मेरे पापा को समय से खाना-पानी नहीं दिया जा रहा था. दो-दो बार बीपी की दवा हमलोगों ने पहुंचाई पर उन्हें नहीं दिया. खाना के बिना मेरे पापा को मार दिया गया.”
“मुझे प्राइवेट अस्पताल में कहा गया था कि सिर्फ ऑक्सीजन और खाना-पीना इन्हें ठीक से मिलेगा, तो ठीक हो जाएंगे क्योंकि ज्यादा इंफेक्शन नहीं है. लेकिन उन्हें नॉर्मल खाना भी नहीं दिया. उन्हें भूखे रख कर मार दिया. यहां कोई भगवान नहीं है, सब हैवान हैं.””मैं एक दिन एक वार्ड ब्वाय की मदद से चुपके से PPE किट पहन कर अंदर गई तो ऐसी चीजें देखी कि बता नहीं सकती. मेरे पिता बेहोश थे. मेरे पिता को पागल कर दिया. उनके सिर पर दाग था. उन्हें बांध दिया था और ताकत नहीं थी कि वे खुद से पानी ले पाते. उनका मोबाइल साइलेंट कर आलमारी में रख दिया गया. पिछ्ले दो दिन उनको खाना पहुंचाया था उसे भी नहीं दिया गया. दोनों बोलत भी पैक्ड है. अगर आप लोगों को टच नहीं करना था…तो घर वालों को बोलिए, आकर खिलाएं. सबसे बड़ी बात कि उनकी BP की दवा किसी ने नहीं चलाई. उनको हर्ट की पहले कोई प्रॉब्लम नहीं थी. अचानक से हर्ट स्लोडाउन हो गया. मैं जब गई तो एक फोटो दी सांई बाबा की. वे फोटो को लेकर हैलो.. हैलो करने लगे. ऐसे वे वहां पागल बन गए.”
प्राइवेट हॉस्पीटल में कहा गया था कि पापा को ऑक्सीजन की जरूरत है, हमारे पास ऑक्सीजन नहीं है. पटना AIIMS में पापा को हम लेकर AIIMS आए. हमलोग बस यही बोलना चाहते हैं कि पटना AIIMS में किसी को भूल से नहीं लाइएगा. प्लीज.. प्लीज ये मौत का दरवाजा है. इससे अच्छा है कि घर में मर जाएं, पर बिना खाए-पिए नहीं मरते. हमें कहा गया कि पापा को 21 तारीख की रात 10 बजे ICU में भर्ती किया गया. सुबह 5 बजे फोन आया कि हर्ट काम नहीं कर रहा. 22 को पापा दुनिया में नहीं रहे. उनका चेहरा देख कर लग रहा था कि वे कई दिनों से भूखे थे। मेरे पापा को टॉर्चर किया. मेरे पापा को खाना-पानी नहीं देकर मार दिया. किसी परिवार को साथ ऐसा न हो जो मेरे पापा के साथ हुआ.”
पटना AIIMS के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉक्टर सीएम सिंह का कहना है कि इस विडियो से स्वास्थ्य व्यवस्था का मनोबल टूटेगा.उन्होंने कहा कि दोनों लड़कियों द्वारा उनके पिता को खाना नहीं देने के आरोप तथ्यों से परे हैं. हमारे यहां डाइटीशियन और हेल्थ इंस्पेक्टर की निगरानी में सभी कोविड मरीजों को आम मरीजों की तुलना में दुगना पोषक आहार दिया जा रहा है. उनके पिता को इमरजेंसी की स्थिति में NIV मास्क लगाया गया था, इस वजह से सॉलिड फ़ूड नहीं दिया जा सकता. उन्हें इंजेक्शन के माध्यम से लिक्विड फ़ूड दिया जा रहा था. ऐसे वीडियो को सोशल मीडिया से हटवाने की तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए.
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