सिटी पोस्ट लाइव :राजधानी के कंकड़बाग के ऑक्सीजन हॉस्पिटल में बुधवार को मरीजों के परिजनों ने जमकर बवाल किया.हॉस्पिटल में भर्ती एक मरीज के परिजनों ने जमकर हंगामा किया और डॉक्टर को निशाना बनाने की कोशिश की. परिवार का आरोप है कि हॉस्पिटल मैनेजमेंट ने उनके पेशेंट का इलाज सही से नहीं किया और बिल काफी अधिक बना दिया. परिवार का दावा है कि उनका पेशेंट कोरोना पॉजिटिव (Corona Positive Patient) है, जबकि इस हॉस्पिटल को जिला प्रशासन की तरफ से कोविड पेशेंट का इलाज करने की अनुमति नहीं मिली है.
पेशेंट को उसके परिजन नालंदा से लेकर आए थे. सब कुछ जानते हुए सोमवार के दिन यहां उसे एडमिट किया गया इसके बाद से इलाज में लगातार लापरवाही बरती गई. आरोप है कि बुधवार सुबह में अचानक हॉस्पिटल मैनेजमेंट लगातार पेशेंट को वहां से हटाने और दूसरी जगह ले जाने के लिए दबाव बना रहा था. हालांकि परिवार का आरोप है कि उनके लोगों को बातचीत करने के बहाने केबिन में बुलाकर मारा-पीटा गया है. पेमेंट की रसीद दिखाते हुए कहा कि 80 हजार रुपए हमलोग जमा कर चुके हैं, इसके बाद भी उनसे रुपए मांगे जा रहे हैं.
हॉस्पिटल के मैनेजमेंट का कहना है कि जिस मरीज को लेकर हंगामा हुआ वो कोरोना पॉजिटिव नहीं है. उन्हें हार्ट का प्रॉब्लम था.सामान्य मरीज समझ कर ही उन्हें एडमिट किया गया क्योंकि हमारे हॉस्पिटल को कोविड पेशेंट के इलाज की अनुमति नहीं मिली है. यहां कोविड पेशेंट का इलाज नहीं होता है. यहां हार्ट के स्पेशलिस्ट डॉक्टर नहीं हैं. इस कारण परिवार वालों को कहा गया था कि बेहतर इलाज के लिए अपने पेशेंट को हार्ट स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल में लेकर जाएं.
कुल 40 हजार रुपए का बिल बना था, इसमें 8 हजार रुपए वे लोग जमा किए थे, उन्हें बाकी बचे 32 हजार रुपयों का पेमेंट करना था, इस कारण परिवार वालों ने गेट के बाहर जाकर काफी हंगामा किया. इस मामले में पेशेंट के परिवार वालों ने बाद में जिला प्रशासन से शिकायत की थी जिसके बाद ADM लॉ एंड ऑर्डर जिला प्रशासन की टीम और कंकड़बाग थाना की पुलिस के साथ हॉस्पिटल पहुंचे और पूरे मामले की जांच की. हॉस्पिटल के डॉक्यूमेंट्स को खंगाला, इसके बाद उन्हें हिदायत दी कि अगर कोविड पेशेंट का इलाज करते हैं तो सरकारी रेट पर ही करना होगा. तय रेट से अधिक वसूलने पर कानूनी कार्रवाई की जाने की बात कही गई.
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