सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड में 22 से 29 अप्रैल तक स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के तहत चल रहे अघोषित लॉकडाउन बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में आज रांची में हुई उच्चस्तरीय बैठक में इस आशय का निर्णय लिया गया। बाद में मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह 6 मई सुबह 6 बजे तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के पूर्व के निर्देश में कुछ परिवर्तन किये गए हैं जिसकी विस्तृत जानकारी शीघ्र जारी की जायेगी।
मुख्यमंत्री ने रांची के रातू रोड चौराहा स्थित नगर निगम के ऑक्सीजन युक्त 40 बेड अस्पताल का उदघाटन करने के बाद पत्रकारों को बताया कि वर्तमान हालात को देखते हुए स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह की समयावधि बढ़ाने 6 मई तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य की और लोगों की सुरक्षा की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस बार स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह में आवश्यक बदलाव भी किया गया है, इसके तहत अब दोपहर दो बजे तक ही दुकानें खुलेगी और आवश्यक सेवाओं को छोड़ कर दोपहर 3 बजे से सड़कों पर मूवमेंट पूरी तरह से बंद हो जाएगा। उन्होंने बताया कि किस-किस चीज पर क्या आदेश प्रभावी होगा, इसे लेकर थोड़ी देर बाद में विस्तृत आदेश जारी कर जानकारी दी जाएगी। हेमंत सोरेन ने बताया कि आज हुई बैठक में ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड को बढ़ाने का भी निर्णय लिया गया, जिस तरह से कोरोना का रफ्तार बढ़ रहा है, उसे लेकर हर जिले में कम से कम 50 अतिरिक्त बेड की व्यवस्था का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा नन ऑक्सीजन बेड की भी व्यवस्था सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया है, ताकि लोगों की परेशानी दूर हो सके। जिन लोगों का ऑक्सीजन लेबल बेहतर होगा, उनका इलाज नन ऑक्सीजन बेड पर इलाज होगा, वहीं जिन्हें दिक्कत हो रही है, उन्हें ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड उपलब्ध करायी जाएगी।
सामान्य ऑक्सीजन स्तर वाले संक्रमित जेनरल वार्ड में शिफ्ट किए जाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में अस्पतालों में ऑक्सीजन युक्त बेडों की काफी किल्लत देखी जा रही है। इसके साथ ये भी जानकारी आ रही है कि जिन संक्रमितों का ऑक्सीजन स्तर सामान्य हो चुका है, उसके बाद भी वेऑक्सीजन युक्त बेडों का ही इस्तेमाल कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को कहा कि ऐसे संक्रमितों को चिन्हित कर उन्हें अस्पताल के जेनरल वार्ड में शिफ्ट किया जाए और जिन्हें ऑक्सीजन युक्त बेड की जरूरत हैं, उन्हें उपलब्ध कराया जाए. इसके लिए उन्होंने सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में कम से कम 50 अतिरिक्त सामान्य बेड की उपलब्धता सुनिश्चित किया जाए।
विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम बनाएं
मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे रिम्स अथवा बड़े निजी अस्पतालों के विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम का गठन करें। यह टीम सदर अस्पताल अथवा अन्य अस्पतालों मे इलाजरत कोरोना संक्रमित मरीजों के स्वास्थ्य का परीक्षण करेगी और जरूरत के अनुसार बेहतर चिकित्सीय उपचार के सिलसिले में आवश्यक सलाह देगी। यह टीम इस बात की भी जानकारी लेगी कि किन संक्रमितों को ऑक्सीजन युक्त बेड की जरूरत है औऱ किन्हें सामान्य वार्ड में भर्ती कर उपचार किया जा सकता है।
जिलों में बेहतर चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध हों
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलों में कोरोना संक्रमितों को बेहतर चिकित्सीय संसाधन उपलब्ध कराने की दिशा में समुचित कदम उठाए जाएं। इस सिलसिले में हर बेड तक ऑक्सीजन की उपलब्धता, जीवन रक्षक और जरूरी दवाएं और संक्रमितों तथा उनके परिजनों अथवा सगे संबंधितों की निगरानी की उचित व्यवस्था हो, ताकि उन्हें संक्रमण से बचाया जा सके।
कॉरपोरेट जगत से लें सहयोग
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि राज्य में अवस्थित उद्योगों से कोरोना महामारी से लड़ाई के लिए सहयोग लेने के लिए कदम उठाएं। इसके तहत कोविड डेडिकेटेड अस्पताल समेत अन्य जरूरी चिकित्सीय संसाधन वे उपलब्ध कराएं, ताकि राज्य में कोरोना संक्रमितों को उपचार के सिलसिले में परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े। कॉरपोरेट जगत से सहयोग लेकर कोरोना संक्रमण को रोकने की दिशा में मदद मिल सकेगी। इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, विकास आयुक्त -सह -स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह, सचिव विनय कुमार चौबे, सचिव श्री पूजा सिंघल और सचिव अमिताभ कौशल उपस्थित थे। गौरतलब है कि झारखंड में 22 अप्रैल से 29 अप्रैल की सुबह 6 बजे तक ही स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह लागू किया गया था। कांग्रेस समेत कई दलों ने इस अवधि को बढ़ाने की मांग की गयी थी।
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