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झारखंड में मेडिकल ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं, हर जरुरतमंद राज्यों को सहयोग करेंगे: सीएम

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सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा है कि झारखंड में मेडिकल ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है, हर जरुरतमंद राज्यों को सहयोग करेंगे। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को रांची स्थित अपने आवासीय कार्यालय से लिंडे इंडिया लिमिटेड के 4 लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन टैंकर को ऑनलाइन फ्लैगऑफ कर जमशेदपुर से दिल्ली के लिए रवाना किया।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड सदियों से अपने संसाधनों के माध्यम से देश के दूसरे राज्यों और लोगों को लाभाविंत करता रहा है। उन्होंने कहा कि आज इस वैश्विक संकट में झारखंड की विभिन्न कंपनियों में बन रहा ऑक्सीजन अमृत के सामान साबित हुआ है, झारखंड सभी को सहयोग करने में बड़ा योगदान देने के लिए पूरी तरह से तैयार है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लिंडे, एयर वाटर और सेल समेत कई कंपनियां कोरोना संक्रमणकाल में ट्रेन और सड़क माध्यम से विभिन्न राज्यों में ऑक्सीजन भेजने के काम में सहयोग कर रही है। सबको जीने का अधिकार है और इस कोरोना संक्रमणकाल में सभी को सामान नजरों से देखने की जरूरत है।

हेमंत सोरेन ने बताया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से ऑक्सीजन की जरूरत को लेकर पत्र लिखा गया था, जिसके बाद केंद्र सरकार से अनुमति लेकर आज 58 टन का ऑक्सीजन दो कंटेनर में दिल्ली भेजा जा रहा है। इसके अलावा राजस्थान के मुख्यमंत्री ने भी ऑक्सीजन की मांग को लेकर पत्र लिखा है, इस संबंध में भी कंपनी को तत्काल जरूरत पूरा करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि झारखंड में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है, सरप्लस उत्पादन हो रहा है, जहां भी जरूरत होगा, उन्हें झारखंड सरकार की ओर से सहयोग किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑक्सीजन का जरूरत सिर्फ इंसानों को ही नहीं, बल्कि मशीनों को भी जरूरत होती है। सभी जरूरतों को पूरा किया जाएगा।

इस अवसर पर जमशेदपुर स्थित लिंडे इंडिया लिमिटेड परिसर में मौजूद स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि लिंडे कंपनी की ओर से अभी 2550 टन ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है, जिसमें 100 टन लिक्विड ऑक्सीजन है। इसके अलावा टाटा स्टील के अंदर कार्यरत लिंडे कंपनी की ही एक और इकाई द्वारा 1290 टन ऑक्सीजन का उत्पादन होता है, जिसमें 203 टन लिक्विड ऑक्सीजन है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश को अभी 90, हरियाणा को 90, बिहार को 12 टन ऑक्सीजन भेजा जा रहा है और अपनी जरूरत के लिए 20 टन ऑक्सीजन सुरक्षित रखा गया है।

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