कद्दू फेंके जाने के बाद हरकत में आया प्रशासन, कॉपरेटिव सोसायटी गठन के दिए आदेश
सिटी पोस्ट लाइव : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा जिले में किसान पिछले 15 दिनों से अपनी बदहाली को लेकर आंसू बहा रहे हैं. आलम यह है कि किसानों के कद्दू कोडियो के भाव भी कोई खरीदने वाला नहीं है. जिसके कारण ये किसान अपने कद्दू को सड़को पर फेंकने पर मज़बूर हो गए हैं। नालंदा जिले के किसानों ने बताया कि पिछले 15 दिनों से लगातार मुश्किलों का सामना कर रहे हैं. इतनी मेहनत करने के बाद भी उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है. यही वजह है कि उनके द्वारा उपजाई गई हरी सब्जी बाजार में बिकने की जगह खेतों और सड़कों पर फेंका जा रहा है. किसानों ने यह भी बताया कि उन्हें फिलहाल खेतों में लगाए गए पूंजी का लागत भाव भी नहीं मिल रहा है समर्थन मूल्य तो मिलना दूर की बात है। बता दें कद्दू फेंकने वाली खबर मीडिया में आने के बाद राज्य सरकार से लेकर स्थानीय प्रशासन तक हरकत में आई और किसनों को उनके कद्दू को वाजिब दाम दिलाने का भरोसा दिया। हालांकि राज्य सरकार के निर्देश पर नालंदा जिलाधिकारी द्वारा अपने पदाधिकारियों के साथ किसानों की समस्या को लेकर बैठक की गई। जिलाधिकारी ने जिला कृषि पदाधिकारी को निर्देश दिया है कि किसानों को उनके फसल का सही कीमत मिले। इसके लिए कॉपरेटिव सोसायटी का गठन करें एवं इसके माध्यम से किसानों के द्वारा उत्पादित सब्जियों का उचित दाम तय की जाय। अब देखना यह होगा जिला प्रशासन के द्वारा की गयी बैठक आने वाले समय में कितना रंग लाती है या फिर यह बैठक फाइलों में सिमटकर रह जाती है। प्रशासन अगर समय रहते किसानों की मांग पर अमल नहीं करती है तो वह दिन दूर नहीं कि अन्य राज्यों की तरह नालंदा जिले के भी किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो जाएंगे।
Comments are closed.