सिटी पोस्ट लाइव :देश में कोरोना की दूसरी लहर अधिक संक्रामक नजर आ रही है.लेकिन राहत की बात ये है कि इस बार मृत्यु दर पहले के मुकाबले कम है. गुरुवार को कोरोना संक्रमण के 81, 456 नए मामले सामने आए. यह पिछले साल 1 अक्टूबर के बाद सबसे अधिक मामले हैं. पिछले साल एक अक्टूबर को 84176 नए मामले सामने आए थे. 23 बड़े राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में फैलने के पहले चरण के साथ दूसरी लहर की तुलना की गई तो पाया गया कि नए मामलों में लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है.
महामारी को दो व्यापक स्टेज में बांटा जा सकता है. शुरुआती स्टेज- जो पिछले साल जनवरी में शुरू हुई थी. यह चरण पिछले साल ही सितंबर के आसपास पीक पर था. इस साल फरवरी के बीच तक ठंडा हो गया था. इस साल फरवरी के बाद शुरू हुआ लेटेस्ट स्टेज अधिकांश राज्यों (महाराष्ट्र और पंजाब को छोड़कर) में संक्रमण फिर से बढ़ रहा है. बेशक, वृद्धि घटे हुए कर्ब और बढ़ती हुई शिथिलता के कारण भी हो सकती है. फिर भी, आंकड़े बताते हैं कि पांच राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों – महाराष्ट्र, पंजाब, गुजरात, मध्य प्रदेश और चंडीगढ़ में – दूसरी लहर पूरी तेजी पर है. इसने पहले चरण में आए मामलों को भी पार कर दिया है.
डेली केस में वृद्धि के अलावा, इन सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में महामारी के जारी स्टेज में मृत्यु दर में नाटकीय रूप से कमी देखने को मिल रही है. महाराष्ट्र में केस फैटालिटी रेट (CFR) में 75%, पंजाब में 41%, गुजरात में 83%, मध्य प्रदेश में 72% और चंडीगढ़ के लिए 65% की कमी आई है. चिंता की बात ये है कि इसबार वायरस अधिक संक्रामक है और राहत की बात ये है कि पहले से यह कम घातक है.देशभर में ओवरऑल मृत्यु दर पहले की तुलना में लगभग एक तिहाई रह गई है.
मौजूदा लहर में कम मृत्यु दर की वजह युवाओं में संक्रमण का अधिक होना है. संभव है कि देश में बड़ी संख्या में बुजुर्गों को कोरोना वैक्सीन लगाई जा चुकी है. युवा कोरोना नियमों को अधिक तवज्जों नहीं देते हुए खुलेआम अधिक घूमफिर रहे हैं. ऐसे में उनके कोरोना वायरस से संक्रमित होने की आशंका बढ़ गई है.कोरोना की वजह से देश में 60 साल से अधिक उम्र वालों लोगों की मौत का खतरा अभी भी अधिक है. कोरोना से मरने वालों में 55 फीसदी लोग 60 साल से अधिक उम्र के लोग हैं. जबकि इस उम्र के लोगों को कोरोना पॉजिटिव होने की दर 14 फीसदी है. 45 से 60 साल की उम्र के बीच मरने वालों भी करीब 33 फीसदी लोग हैं.
महाराष्ट्र में मार्च महीने में कोविड-19 के 6,51,513 मामले आए. ये पिछले पांच महीने में आए कुल मामलों का 88.23 प्रतिशत हैं. पिछले साल राज्य में 1 अक्टूबर और 28 फरवरी 2021 के बीच कोरोना वायरस के 7,38,377 मामले सामने आए. इससे पता लगता है कि बीते महीनों की तुलना में मार्च 2021 में संक्रमण की रफ्तार बढ़ी है.कोविड-19 के मैथमैटिकल मॉल पर काम करने वाले साइंटिस्टों का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर का पीएक 15 से 20 अप्रैल से बीच में होने का अनुमान है. कोरोना के इस लहर में पीक में रोजाना 80 से 90 हजार नए मामले सामने आ सकते हैं. देश में एक्टिव केसों की संख्या पिछले साल सितंबर के बराबर हो सकती है. पिछले साल सितंबर में देश में एक्टिव रोगियों की संख्या करीब 10 लाख पहुंच गई थी.
संक्रमण की कोविड-19 से बचाव के लिए लोगों द्वारा जरुरी एहतियात का नहीं बरता जाना है. लोगों ने उचित दूरी के नियमों का पालन नहीं किया और मास्क भी नहीं लगाए, जिससे संक्रमण के मामले बढ़े हैं. स्टेट कोविड-19 टास्कफोर्स के एक मेंबर ने कहा कि हमने देखा है कि लोग एक से तीन सप्ताह तक कोविड-19 के संबंध में उचित व्यवहार अपनाते हैं और इसके बाद ढिलाई बरतने लगते हैं.विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोविड-19 महामारी को लेकर दिए गए अपने साप्ताहिक अपडेट में कहा है कि लगातार 5 हफ्तों से कोविड मामले बढ़ रहे हैं. इसमें पिछले हफ्ते तो संक्रमण के 38 लाख से ज्यादा नए मामले आए. दुनिया के सभी हिस्सों चाहे वह दक्षिण पूर्व एशिया हो, पश्चिमी प्रशांत हो या अफ्रीका हो, नए मामले बढ़े हैं. 80 प्रतिशत मामले यूरोप और अमेरिका के हैं. डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि नया और अधिक संक्रामक कोविड-19 वेरियंट मामलों में बढ़ोतरी के लिए आंशिक रूप से जिम्मेदार हो सकता है क्योंकि कई देशों में ये वेरियंट मिले हैं.
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