सिटी पोस्ट लाइव, रांची: नगर निगम की मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि इन दिनों नगर आयुक्त मुकेश कुमार के व्यवहार और कार्यशैली से उनकी विश्वसनीयता संदिग्ध प्रतीत हो रही है। नगर आयुक्त के वक्तव्यों और कार्य प्रणाली में राज्य सरकार की राजनीति झलक रही है। नगर आयुक्त इसी प्रकार अपनी मनमानी करते रहे तो रांची नगर निगम में किसी बड़े घोटाले की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता।
मेयर ने बुधवार को पत्रकार वार्ता में कहा कि नगर आयुक्त को बार-बार आगाह किया कि झारखंड नगरपालिका अधिनियम-2011 में दिए गए अधिकारों का सम्मान करें और शहर के विकास एवं जनहित से जुड़ी समस्याओं के निराकरण की दिशा में कार्य करें ताकि आम जनता के पैसों का सदुपयोग हो लेकिन उनके माध्यम से ऐसी योजनाएं और प्रस्ताव तैयार किए जा रहे हैं, जिससे सरकारी राजस्व की क्षति होने की प्रबल संभावना है।
उन्होंने कहा कि झारखंड नगरपालिका अधिनियम के तहत दी गई शक्तियों को दरकिनार कर नगर आयुक्त अप्रत्यक्ष रूप से किसी न किसी एजेंसी को लाभ पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीते 25 मार्च को निगम परिषद की बैठक में जिस प्रकार से सभी एजेंडों का प्रस्ताव तैयार किया गया, उससे यह स्पष्ट है कि नगर आयुक्त, झारखंड नगरपालिका अधिनियम 2011 का उल्लंघन कर रहे हैं। निगम परिषद की बैठक में जिन पांच एजेंडों को उपस्थापित करने पर रोक लगाई गई थी, उसे नगर आयुक्त ने जबरन परिषद की बैठक में उपस्थापित किया और येन-केन-प्रकारेण पारित कराने का दबाव बनाया।
मेयर ने कहा कि यदि नगर आयुक्त उनके निर्देशों का पालन करते तो निगम परिषद की बैठक शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न होती। साथ ही कहा कि वह जानना चाहती हैं कि नगर आयुक्त रांची नगर निगम के अधिकारी हैं या राज्य सरकार के प्रतिनिधि। उन्होंने कहा कि नगर आयुक्त की हठधर्मिता से यह स्पष्ट हो रहा है कि वे राज्य सरकार के इशारे पर कार्य कर रहे हैं।
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