सिटी पोस्ट लाइव, रांची: आजसू पार्टी के विधायक डॉ. लंबोदर महतो ने सदन में दिये गए आश्वासन का अनुपालन नहीं होने, सदन का अवमानना करने और सरकार के पदाधिकारियों के उदासीन, संवेदनहीन, लापरवाह एवं हठधर्मी होने पर आज विधान सभा परिसर में भूख हड़ताल प्रारंभ किया। लेकिन प्रश्नोत्तरकाल के दौरान भाकपा-माले के विनोद कुमार सिंह ने इस ओर आसन का ध्यान आकृष्ट कराया, तो स्पीकर ने मंत्री चंपई सोरेन और भाजपा विधायक विरंची नारायण को उन्हें समझा कर सदन में वापस लाने का निर्देश दिया। जिसके बाद लंबोदर महतो वापस सदन में आ गये।
इससे पहले भूख हड़तालपर बैठे लंबोदर महतो ने बताया कि सरकार कुंभकर्णी निद्रा में सोई हुई है। गृह विभाग द्वारा दिनांक 16 मार्च 20 को पूछे गए तारांकित प्रश्न के आलोक में विभाग द्वारा आश्वस्त किया गया था कि शहीद के आश्रित को दो लाख रुपये के अनुग्रह अनुदान का भुगतान 15 दिनों के अंदर कर दिया जाएगा किन्तु 15 महीने बीतने के बाबजूद अब तक भुगतान नहीं किया गया है।यह सदन की अवमानना है। उन्होंने कहा कि 4 अप्रैल 2014 को छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के बुरकापाड़ा में नक्सलियों से मुठभेड़ में तेनुघाट स्थित घरवाटांड निवासी शहीद विनोद यादव आश्रित को अब तक किसी तरह का मुआवजा नहीं दिया गया है। जबकि स्वयं मुख्यमंत्री शहीद के घर जाकर नौकरी देने, पेट्रोल पंप देने व जमीन का बंदोबस्ती कराने का आश्वासन देकर आए है।
उन्होंने कहा कि बोकारो जिले में 260 करोड़ डीएमएफटी की राशि पड़ी हुई है, लेकिन अब तक योजना की स्वीकृति नहीं हुई है।जबकि हमारे द्वारा कई बार जिले के पदाधिकारियों का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराया गया और सदन में भी आवाज उठाई गई। हमारे क्षेत्र के 22 मृतक श्रमिकों का ग्रेच्युटी का भुगतान भी अब तक नहीं हो पाया है। योजनाओं का भी हाल ठीक नहीं है। आलम यह है कि काम करा चुके संवेदकों का भुगतान के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं।
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