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पार्टी का झंडा और नाम इस्‍तेमाल करनावाले उम्मीदवार होगें दंड के भागीदार.

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सिटी पोस्ट लाइव :बिहार में अप्रैल-मई में होने वाले पंचायत चुनाव में खड़ा होनेवाले प्रत्याशियों से अगर थोड़ी भी चुक हुई तो मुश्किल हो सकता है.पंचायत चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने आदर्श आचार संहिता बना ली है. आयोग ने 42 पेज की आदर्श आचार संहिता बनाई है. पंचायत चुनाव दलीय आधार पर नहीं होने हैं इसलिए पार्टी का झंडा और नाम का इस्तेमाल दंडनीय अपराध होगा.

10 चरणों में प्रस्तावित चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा के साथ आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी. बिहार में पहली बार त्रिस्तरीय पंचायतीराज निकायों के 6 पदों के लिए ईवीएम से चुनाव की तैयारी है. त्रिस्तरीय पंचायत निकाय चुनाव मुखिया, वार्ड सदस्‍य, पंच, सरपंच और पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्य के लिये होना है.

दरअसल बिहार में 9 प्रमंडल 38 जिले 534 प्रखंड 8386 पंचायतें और 1.14 लाख वार्ड हैं. राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पंचायत आम चुनाव से संबंधित आदर्श आचार संहिता को लेकर दिशा निर्देश जारी कर दिया गया है. राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव योगेंद्र राम की तरफ से जारी दिशा-निर्देश के तहत आदर्श आचार संहिता जिला निर्वाचन पदाधिकारी पंचायत सह जिलाधिकारी द्वारा संबंधित जिला में चुनाव की सूचना प्रकाशित करने के साथ ही प्रभावी होगी, जो चुनाव समाप्ति तक उस जिले में प्रभावी रहेगी.

आयोग ने 42 पेज की आदर्श आचार संहिता बनाई है. पंचायत चुनाव दलीय आधार पर नहीं होने हैं इसलिए पार्टी का झंडा और नाम का इस्तेमाल दंडनीय अपराध होगा. हालांकि कांग्रेस भाजपा इस बार अपने अधिकाधिक कार्यकर्ताओं को जिला परिषद चुनाव में विजयी बनाने की तैयारी में है. प्रत्येक वार्ड में किसी एक कार्यकर्ता को समर्थन देने की रणनीति है प्रखंड प्रमुखों के पदों पर भी भाजपा की निगाह है. ग्रामीण क्षेत्रों में पार्टी की पैठ और जनाधार बनाने की रणनीति के तहत भाजपा पंचायत चुनाव में बिना झंडे का इस्तेमाल किये कूदने जा रही है. वहीं बात जेडीयू और आरजेडी की करें तो इन दोनों क्षेत्रीय पार्टियों ने भी इसी तरह की तैयारी कर रखी है. आरजेडी ने तो इस आशय के एक एडवाजरी भी अपने दल के लोगों को जारी कर दी है.

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