सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को तीन बड़ी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने बताया कि 12 मार्च को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में नीतिगत मुद्दों पर भी सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लिया, लेकिन बजट सत्र चालू रहने के कारण राज्य सरकार ने लोकतांत्रिक मर्यादा और संसदीय परंपरा को ध्यान में रखते हुए नीतिगत निर्णय पर सभा के बाहर कोई भी आधिकारिक या सार्वजनिक घोषणा नहीं की। ऐसा करना सदन का अवमानना होता है, इसलिए राज्य मंत्रिमंडल द्वारा लिये गये नीतिगत निर्णय से वे आज सदन को अवगत कराना चाहते हैं। हेमंत सोरेन ने बताया कि राज्य मंत्रिमंडल की 12 मार्च को हुई बैठक में कुल 26 प्रस्तावों पर निर्णय लिये गये थे, जिसमें गृह विभाग के एक प्रस्ताव के तहत सड़क हादसे में मृतक के आश्रित को राज्य सरकार ने स्थानीय विशिष्ट आपदा घोषित करते हुए प्रभावित परिवार के आश्रित या हकदार को एक लाख रुपये की सहायता राशि देने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि श्रम नियोजन विभाग के एक प्रस्ताव के तहत कौशल एवं तकनीकी प्रशिक्षित बेरोजगारों के लिए वर्ष 2020-21 से मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना के किर्यान्वयन को मंजूरी दी गयी है। इसके तहत शिक्षित बेरोजगारों को सालाना 5000 रुपये का बेरोजगारी भत्ता मिलेगा। इसके तहत परित्यक्ता, विधवा और अन्य के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण की बात भी मुख्यमंत्री ने कही।
राज्य मंत्रिमंडल द्वारा लिये गये तीसरे निर्णय के संबंध में मुख्यमंत्री ने बताया कि श्रम विभाग के एक प्रस्ताव के तहत राज्य में स्थापित निजी कारखानों और उद्योगों में स्थानीय लोगों को 75 प्रतिशत आरक्षण देना अनिवार्य कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम आएंगे, जाएंगे, सरकार बनेगी , गिरेगी, लेकिन संस्थाएं बनी रहनी चाहिए। इसीलिए संसदीय परंपरा का आदर करते हुए चलते सत्र के दौरान नीतिगत मुद्दों पर सभा के बाहर सरकार का बयान नहीं आया।
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