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MOBILE PHONE के जरिये जेल से ऑपरेट कर रहे अपराधी, कई जेलों के सुपरिटेंडेंट बदले.

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सिटी पोस्ट लाइव :बिहार की जेलों में बंद कैदी आजाद पंक्षी हैं.वो जेल में भले बंद हैं लेकिन जेल में उन्हें तमाम सुविधाएं उपलब्ध हैं.जेल से मोबाइल फ़ोन के जरिये वो अपना गैंग ऑपरेट कर रहे हैं. पिछले दिनों बिहार की सभी जिलों के जेलों (Jails) में हुई राज्यव्यापी छापेमारी में भारी मात्रा में आपत्तिजनक चीजें मिली थीं. जेलों की आंतरिक व्यवस्था पर बड़ा प्रश्न चिन्ह लग गया है. बिहार सरकार के जेल विभाग ने जेलों के अंदर की व्यवस्था को दुरुस्त करने के मकसद से कड़े और प्रभावी कदम उठाने शुरू कर दिए हैं.

बिहार की सबसे बड़ी जेल केंद्रीय कारा बेउर (Central Kara Beur) और नवादा मंडल कारा के अधीक्षक को एक साथ निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया गया है.इस बीच केंद्रीय कारा बेउर पटना में पदस्थापित जेल अधीक्षक सत्येंद्र कुमार पर कर्तव्यहीनता और लापरवाही के गंभीर आरोप लगे हैं. उन पर आरोप लगा है कि वह प्रतिबंधित सामग्रियों का प्रवेश और उसका उपयोग जेल के अंदर रोक पाने में सक्षम नहीं हैं. उन्हें अपने जेल के वार्डों की सामान्य जानकारी तक नहीं है. कैदियों द्वारा जेल के अंदर से अपराधिक गतिविधियां की जा रही हैं इससे समाज और जेल की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है.

दरअसल पिछले दिनों पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह के नेतृत्व में प्रशासन ने छापेमारी की थी जिसमें मोबाइल और चार्जर के साथ ही एक डायरी भी मिली थी जिसमें 5 बैंकों के अकाउंट का विवरण दिया गया था. इस पूरे मामले में जेल अधीक्षक से स्पष्टीकरण की मांग की गई थी. यही नहीं, जेल में साइबर क्रिमिनल कुणाल शर्मा की उठक-बैठक का वीडियो वायरल हुआ था. इसको लेकर भी जेल आईजी मिथिलेश मिश्र ने उनसे स्पष्टीकरण की मांग की थी लेकिन उनके द्वारा सौंपा गया स्पष्टीकरण विरोधाभास से भरा था. सत्येंद्र कुमार को निलंबित करते हुए निलंबन की अवधि में उनका मुख्यालय केंद्रीय कारा पूर्णिया निर्धारित किया गया है.

यही नहीं, मंडल कारा नवादा के अधीक्षक महेश रजक को भी कर्तव्यहीनता, जेल सुरक्षा के प्रति घोर लापरवाही बरतने, अधीनस्थ कर्मियों पर नियंत्रण रखने में सक्षम नहीं होने और जेल के प्रबंधन में पूर्ण तरीके से विफल रहने के कारण तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. पिछले दिनों नवादा जेल में हुई छापेमारी में जेल के अंदर से 9 मोबाइल, 4 चार्जर, 3 मोबाइल बैटरी, एक हेडफोन और कई आपत्तिजनक चीजें बरामद की गईं थीं. नीतीश सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए केंद्रीय जेल मोतिहारी से सम्बद्ध दिया है. इस कड़े एक्शन से जेल विभाग में हड़कंप मच गया है.

गौरतलब है कि पटना के बेऊर, पूर्णिया सेंट्रल जेल, नवादा के डिवीजन और बेनीपट्‌टी के सब जेल में नए सुपरिटेंडेंट की पोस्टिंग कर दी गई है. पूर्णिया के सेंट्रल जेल की अब तक कमान संभाल रहे सुपरिटेंडेंट जितेंद्र कुमार को पटना के बेऊर जेल की जिम्मेवारी सौंपी गई है. इसके अलावा जेल आईजी के असिस्टेंट रहे राजीव कुमार झा को पूर्णिया सेंट्रल जेल की कमान सौंपी गई है. वहीं, बेनीपट्‌टी के सब जेल के सुपरिटेंडेंट का ट्रांसफर नवादा की डिवीजन जेल में किया गया है. जबकि पोस्टिंग के लिए इंतजार कर रहे मोती लाल को बेनीपट्‌टी सब जेल का नया सुपरिटेंडेंट बनाया गया है.

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