सिटी पोस्ट लाइव, रामगढ़: जिले में रुंगटा ग्रुप के कई प्लांट है। लेकिन यह ग्रुप पिछले 1 सप्ताह से एक बार फिर विवादों में है। बरकाकाना ओपी क्षेत्र के हेहल में स्थित मां छिन्नमस्तिके आयरन एंड स्टील प्लांट के परिसर में बिरहोर जाति के लोगों ने प्लांट प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोला है। शनिवार की देर शाम विधायक अंबा प्रसाद भी इस गांव में पहुंची। यहां उन्होंने प्रदूषण और ग्रामीणों की समस्याएं पर निगाह डाली। ग्रामीणों की दशा देखकर उन्होंने कहा कि रुंगटा ग्रुप का मनमाना रवैया नहीं चलने देंगे। उन्होंने कहा कि अगर प्लांट प्रबंधन सरकार को चुनौती दे रहा है, तो अभी ही फैक्ट्री में ताला लगा देंगे। अंबा प्रसाद ने कहा कि कई गांव के ग्रामीण प्लांट से निकलने वाले धुएं की चपेट में है। प्रबंधन को ग्रामीणों की कोई चिंता नहीं है। जिस तरीके से उनकी फैक्ट्री जहर उगल रही है उससे ग्रामीणों के जानमाल की भारी क्षति हुई है। बिरहोर और मल्हौर जाति को संरक्षित करने के लिए सरकार प्रतिबंध है। लेकिन यहां पर दिख रहा है कि इन दोनों दुर्लभ जाति के लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्हें धमकियां मिल रही हैं। उनके साथ कैदियों जैसा व्यवहार किया जा रहा है।
ग्रामीणों ने विधायक को सुनाई अपनी व्यथा
हेहल गांव में जब विधायक अंबा प्रसाद पहुंची तो वहां घुटूआ, केलुआ पतरा, नयानगर, दुडगी व अन्य गांव के लोग जुट गए। सभी लोगों ने उन्हें अपनी व्यथा सुनाई। ग्रामीणों ने कहा कि पिछले 15 वर्षों में इस पूरे इलाके में मवेशियों की संख्या काफी कम हो गई है। तालाब और कुएं का पानी प्रदूषित हो गया है। यहां तक की हवा में हर दिन घुलता जहर उनके शरीर को भी काला कर दे रहा है। ऐसी स्थिति में उनकी नस्लें भी खराब हो रही हैं। इन सब की एकमात्र वजह मां छिन्नमस्तिका आयरन एंड स्टील प्लांट से निकलने वाला जहर है।
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विधायक की मौजूदगी में प्रबंधन और उनके बिचौलियों के खिलाफ थाने में दिया गया आवेदन
ग्रामीणों की पूरी कहानी सुनने के बाद विधायक ने प्रबंधन के खिलाफ थाने में आवेदन देने और कहा। उनकी मौजूदगी में ही ग्रामीणों ने आवेदन तैयार किया और बरकाकाना ओपी को सौंपा। इस आवेदन में मल्हौर और बिरहोर जाति के लोगों ने कहा है कि उनके पूर्वज कई दशकों से इस इलाके में रह रहे हैं। 2005 में जब प्लांट की शुरुआत हुई तब उनके पूरे इलाके को बाउंड्री से घेर दिया गया। अब प्लांट प्रबंधन के बिचौलिए गुंडागर्दी करने पर उतारू हो गए हैं। उन्हें अक्सर जान से मारने की धमकी देते हैं और उन्हें जमीन खाली करने को कहते हैं।
कई बार उन लोगों के साथ मारपीट भी हुई है। ग्रामीणों ने यह भी बताया है कि प्रदूषण और बीमारी की वजह से अब तक 25 लोगों की मौत हो चुकी है। गर्भवती महिलाओं को भी इलाज के लिए गेट नहीं खोला जाता है। ऐसी स्थिति में उन्हें काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। जिस तरीके का व्यवहार प्लांट प्रबंधन उनके साथ कर रहा है वह असहनीय है। ग्रामीणों ने हजिफुर्र रहमान, मोहम्मद आसिक, इलियास अंसारी महेशमुंडा और दुर्गा नामक व्यक्ति के खिलाफ थाने में आवेदन दिया है। इन लोगों पर प्रबंधन के साथ मिलकर गुंडागर्दी करने का आरोप लगाया है।
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