सिटी पोस्ट लाइव : सुप्रीम कोर्ट चीफ जस्टिस एसए बोबडे (Sharad Arvind Bobde) की अध्यक्षता वाली पीठ ने रेप के आरोपी के सामने ऐसी शर्त रख दी जिसको लेकर कोर्ट रूम में बहस शुरू हो गई.एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म (Rape) के आरोपी से सोमवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पूछा कि क्या वह रेप पीड़िता से विवाह करने के लिए तैयार है? अगर नहीं तो उसे जमानत नहीं मिलेगी. आरोपी के वकील आनंद ने कहा कि उन्हें अपने मुवक्किल (Client) से बातचीत करके अनुमति लेनी होगी. इसके लिए उन्हें कुछ समय चाहिए. लेकिन अदालत ने समय देने से साफ इनकार कर दिया.
आरोपी के वकील आनंद ने दलील दी कि उनका मुवक्किल एक सरकारी कर्मचारी है, और मामले में गिरफ्तारी के कारण उसे सस्पेंशन का सामना करना पड़ सकता है. इस पर चीफ जस्टिस ने जवाब दिया कि आपको उस नाबालिग लड़की के साथ छेड़खानी और रेप करने से पहले सोचना चाहिए था.’ चीफ जस्टिस ने जोर देकर कहा कि अदालत याचिकाकर्ता को लड़की से शादी करने के लिए मजबूर नहीं कर रही है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आरोपी को 4 हफ्ते के लिए गिरफ्तार नहीं किया जाएगा और वह रेग्युलर बेल के लिए अप्लाई कर सकता है.
दरअसल, लड़की ने आरोप लगाया था कि जब वह 16 साल की थी, तब याचिकाकर्ता, जो कि उसका दूर का रिश्तेदार था, ने उसका बलात्कार किया था. लड़की ने आरोप लगाया कि शुरू में याचिकाकर्ता की मां ने शादी के लिए सहमति दी थी. इसके लिए एक अंडरटेकिंग भी साइन हुआ था. लेकिन याचिकाकर्ता की मां ने बाद में शादी कराने से इनकार कर दिया. जिसके बाद लड़की ने 2019 में आरोपी के खिलाफ IPC की धारा 376, 417, 506 और यौन अपराधों से बालकों के संरक्षण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कराई.इसी मामले में 5 फरवरी को, बॉम्बे हाई कोर्ट ने आरोपी की अग्रिम जमानत को रद्द कर दिया था और लड़की के आवेदन की अनुमति दी थी. जिसके बाद आरोपी ने हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी.
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