सब्जी विक्रेताओं के बीच आतंक फैलाने की गरज से हुई थी मारपीट और गोलीबारी
घटनास्थल से एक पिस्टल और एक युवक की हुई है गिरफ्तारी
गोली चलाने वाला रोहित झा खुद को बता रहा है निर्दोष
पुलिस अधिकारी रोहित झा को ही बता रहे हैं मुख्य आरोपी
बीते बृहस्पतिवार को अभय आनंद नाम के एक मासूम को मामूली बात पर 15 से अधिक शब्जी विक्रेताओं ने मार-मार कर कर दिया था अधमरा
सिटी पोस्ट लाइव, एक्सक्लूसिव : शनिवार की शाम सहरसा सदर थाना के कचहरी ढ़ाला पर जमकर विवाद हुआ। शब्जी विक्रेताओं पर जमकर हॉकी स्टिक बरसाए गए और शब्जियों को फेंक दिया गया। इस घटना बाद पुलिस की तेजी देखते ही बन रही थी। सदर एस.एच.ओ.आर.के.सिंह के साथ सौ से अधिक पुलिस जवान आसपास के इलाके को पुलिस छावनी में बदल दिया था। घटना स्थल पर गोलीबारी भी की गई थी। पुलिस अधिकारी ने साफ लहजे में कहा कि इस गोलीबारी की घटना सहित तमाम वारदात मोस्ट वांटेड रोहित झा ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर अंजाम दिया है।घटनास्थल पर से एक सेवन-सिक्स पिस्टल भी पुलिस ने बरामद किया है। साथ ही अभिषेक नाम के एक युवक को भी हिरासत में लिया गया है।सूत्रों की मानें तो अभिषेक पटना में रहकर पढ़ाई करता है और कुछ दिन पहले ही वह सहरसा अपने घर आया था। वह शब्जी खरीदने गया था लेकिन अचानक की हुई इस घटना से वह बेहद घबड़ा गया। इतने में पुलिस आ गयी और उसे दबोचकर थाने ले गयी। इधर रोहित झा ने अपने सहयोगियों के माध्यम से यह सूचना दी है कि घटना के समय वह अपने निजी कार्य से सुपौल में था। अब जब शब्जी विक्रेताओं की बात करें, तो कई महिलाएं और पुरुष ने कैमरे पर खुलकर कहा कि लम्बी दाढ़ी वाले रोहित झा ने गोलीबारी और मारपीट की। यही नहीं उनके नकदी भी लूट लिए।शब्जी विक्रेताओं द्वारा पीट-पीट कर अधमरा कर दिया गया अभय आनंद अभी सदर अस्पताल में भर्ती है। हमारी समझ से पहली गलती शब्जी विक्रेताओं की तरफ से हुई और दूसरी बड़ी गलती कल शनिवार की शाम को हुई। सूत्रों और आसपास के लोगों से मिल रही जानकारी के मुताबिक यह घटना अभय आनंद के साथ हुई मारपीट का नतीजा है। लेकिन हम किसी फैसले पर नहीं पहुँच रहे हैं। अनुसंधान का काम पुलिस का और न्यायिक करवाई का जिम्मा माननीय न्यायालय के जिम्मे है। शब्जी विक्रेताओं ने लिखित आवेदन थाने में दिया है। हिरासत में बंद अभिषेक के माता-पिता अलग से पुलिस से अपने बेटे के निर्दोष होने की फरियाद कर रहे हैं ।मोटे तौर पर दोनों में से किसी घटना को भी सही नहीं ठहराया जा सकता है। इस मामले में कानून अपना जो काम करे लेकिन इसमें सामाजिक पहल की ज्यादा जरूरत दिख रही है।
सहरसा से संकेत सिंह की रिपोर्ट