सिटी पोस्ट लाइव : बिहार की सियासत में कुछ बड़ा होनेवाला है.विधान सभा चुनाव के पहले तो नीतीश कुमार उपेन्द्र कुशवाहा को एनडीए के साथ नहीं ला पाए लेकिन विधान सभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद अब वो उपेन्द्र कुशवाहा को साथ लाने में जुट गए हैं.उपेन्द्र कुशवाहा को भी नीतीश कुमार का साथ जरुरी है.रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के साथ राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) की मुलाकात के बाद सियासी गलियारे में अटकलों का बाज़ार गर्म हो गया है.
गौरतलब है कि बिहार विधानसभा में पहले सत्र के अंतिम दिन (27 नवंबर) नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व एनडीए के विधायकों पर की गई अमर्यादित टिप्पणियों के बाद उपेंद्र कुशवाहा ने तेजस्वी के व्यवहार की आलोचना करते हुए सीएम नीतीश कुमार के साथ खड़े रहने का ऐलान कर दिया था.फिर क्या था सीएम नीतीश कुमार ने उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात का आग्रह किया जिसके बाद उन्होंने सीएम आवास पर जाकर मुलाकात की थी. राजनीतिक जानकार बता रहे हैं कि कुशवाहा और नीतीश की मुलाकात का परिणाम भी सामने आएगा और बिहार में जल्द ही नया राजनीतिक समीकरण भी देखने को मिल सकता है.
दरअसल,सीएम नीतीश अपने पुरानी साथी कुशवाहा को साथ लाकर फिर से लव-कुश समीकरण (कुर्मी-कुशवाहा जातियों को लव-कुश कहा जाता है) को अजेय बनाना चाहते हैं.सूत्रों के अनुसार विधान सभा चुनाव के पहले ही नीतीश कुमार ने उपेन्द्र कुशवाहा को साथ लाने की कोशिश की लेकिन बात बन नहीं पाई.
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