शराबबंदी को पुलिस लगा रही है पलीता, ऑडियो हुआ वायरल.
5 लाख में सफारी, शराब व लाेगाें काे छाेड़ने की डील कर रहा था थाना का दलाल, जांच का आदेश.
सिटी पोस्ट लाइव :बिहार में नीतीश कुमार की शराबबंदी को पुलिसवाले ही पलीता लगा रहे हैं.एकबार फिर से शराब माफिया, दलाल और पुलिस के गठजोड़ का खुलासा हुआ है. एक ऑडियो वायरल (Audio Viral) हो रहा जिसमें थाना का दलाल किसी शराब माफिया से मिलकर 5 लाख में सफारी, शराब व दो लोगों को छोड़ने के लिए सौदा कर रहा था. इसका ऑडियो वायरल होने के बाद आईजी ने इस मामले में जांच का आदेश दे दिया है.
28 दिसंबर 2020 काे राजेंद्रनगर पानी टंकी के पास 323 बोतल शराब के साथ सफारी और दो लोग गिरफ्तार हुए थे. कदमकुआं थाना की पुलिस शराब पकड़े जाने पर दलाल के माध्यम से शराब माफिया से बात करवाती है. इसका एक ऑडियो वायरल हुआ है.इस वायरल ऑडियो में शराब माफिया की ओर से फोन पर बात करने वाला दलाल से कह रहा कि किसी तरह सफारी गाड़ी, पकड़े गए दोनों लोगों को छोद्वा दें और पकड़ी गई पांच पेटी शराब लौटा दें. उसपर दलाल कहता है कि 5 लाख देना होगा तब सब छूट जाएगा. उजले रंग की सफारी थाना भी नहीं जाएगी. जहां पकड़ी गयी है, वहीं से छोड़ दिया जाएगा. केवल गाड़ी छोड़ने के लिए 2.5 लाख देना होगा.
इस ऑडियो वायरल में यह भी समझ में आता है कि दलाल 1.50 लाख में तैयार हो जाता है, पर शराब माफिया की ओर से बात कर रहा व्यक्ति 1.20 लाख देने को तैयार हो जाता है. हालांकि इतने कम में सासौदा तय नहीं होता. नतीजतन पुलिस दोनों को जेल भेज देती है और सफारी गाड़ी बीआर 01 पीजी 2078 को जब्त करने के साथ ही शराब के साथ पकड़े गए दोनों लोगों को पकड़कर थाना ले जाती है. दोनों पर केस दर्ज किया जाता है. गड़ी जब्त कर ली जाती है.
थाना के दलाल व शराब माफिया के बीच हुए डील का ऑडियो वायरल होने की जानकारी आईजी संजय सिंह को मिली. मामले की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने इस ऑडियो को सेंट्रल एसपी विनय तिवारी व टाउन डीएसपी सुरेश प्रसाद को भेंज दिया. साथ ही आईजी ने एसएसपी को पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है. आईजी ने कहा कि थाना का काम पुलिस करती है. इसमें दलाल कहां से आ गया. अगर जांच में ऐसा आया तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. इधर, तत्कालीन थानेदार निशिकांत निशि ने बताया कि दरअसल शराब माफिया काे पकड़ने के लिए यह जाल बिछाई गई थी.
सूत्रों के अनुसार जो दलाल बात कर रहा है, उसका थाना में आना-जाना है. वह शराब व अन्य छोटे मोटे आरोपों में पकड़े गए लोगों को छोड़ने के लिए थाना की दलाली करता है. पुलिस उसी के माध्यम से डील करती है. जांच के बाद साफ हो जाएगा उस दलाल ने क्या-क्या खेल किया. कितने को थाने से छुड़वाया. खुद कितनी रकम ली और पुलिस काे कितना नजारना दिया. वह दलाल थाना के कई अधिकारियों से काफी करीब रहा है.
दरअसल कदमकुआं थाना के दाराेगा राकेश कुमार ने 28 दिसंबर की सुबह 3 बजे गश्ती के दौरान इस सफारी गाड़ी को राजेंद्रनगर रोड , पानी टंकी के पास से पकड़ा था. राकेश कुमार के बयान पर केस कांड सं. 570/20 दर्ज किया गया था. एफआईआर के अनुसार, गाड़ी से शराब की डिलेवरी हो रही थी. उस गाड़ी में भागलपुर के बाथ थाना के पनसल्ला गांव के रहने वाले प्रियेश कुमार व संजय पासवान कुमार काे पुलिस ने पकड़ा था.पूछताछ में प्रियेश ने अपने का गाड़ी का चालक बताया था. प्रियेश ने पुलिस काे यह भी बताया कि गाड़ी का मालिक आर्यन यादव है जाे गाड़ी में रखकर इसे बेचने के लिए पटना आया था. पुलिस दोनों पर केस दर्ज कर जेल भेज देती है. गाड़ी अभी भी कदमकुआं थाना में है.
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