सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड के निर्भया कांड के आरोपितों को खोजने में पुलिस की लापरवाही से लोगों में आक्रोश है। युवती की सिर कटी लाश और उसके कटे हुए प्राइवेट पार्ट्स उसके साथ हुई हैवानियत की कहानी बयान करते हैं। लोगों का आक्रोश और विरोध अब राजनीतिक रंग लेता जा रहा है। भाजपा सहित अन्य विपक्षी दल राज्य की सोरेना सरकार पर हमलावर हो गये हैं। पुलिस ने युवती की शिनाख्त करने और हत्यारों की जानकारी देने वाले को पांच लाख रुपये का इनाम देने का फैसला किया है।
दरअसल, राजधानी रांची के ओरमांझी थाना क्षेत्र के जंगल में एक सप्ताह पहले एक युवती का निर्वस्त्र अवस्था में सिर कटा शव बरामद किया गया था, जिसके प्राइवेट पाटर्स भी कटे थे। इस घटना ने पूरे राज्य को झकझोर दिया। एक सप्ताह के बाद भी अभी तक पुलिस कोई सुराग नही लगा सकी है। पूरे राज्य में रांची की निर्भया कांड को लेकर लोगों में काफी रोष है। वहीं पुलिस के लिए दुष्कर्म और हत्या की गुत्थी सुलझाना सिर दर्द बन गयी है। इससे भी लोगों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी भाजपा के निशाने पर आ गए हैं। वहीं, लोगों के आक्रोश का शिकार मुख्यमंत्री को भी होना पड़ा।
इस कांड को हुए एक सप्ताह बीत गया लेकिन अब तक मामला अनसुलझा ही है। इस कांड को लेकर 03 जनवरी को रांची के किशोरगंज में पास प्रदर्शन कर रहे लोगों में से कुछ लोगों ने मुख्यमंत्री के काफिले पर हमला भी किया गया। काफिले को एस्कॉर्ट कर रहे यातायात थाना गोंदा के थानेदार इंस्पेक्टर नवल किशोर सिंह गंभीर रूप से जख्मी हो गए। उन्हें मेडिका अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसको लेकर पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार भी किया था। इसके बाद इस मामले ने राजनीतिक रंग लेना शुरू कर दिया। युवती की हत्या के विरोध में भाजपा ने राज्यभर में सड़क पर उतरकर जिला मुख्यालय पर धरना दिया। सोरेन सरकार के खिलाफ इस प्रदर्शन में प्रदेश स्तरीय नेता भी शामिल हुए़। राज्यपाल को ज्ञापन भी दिया गया। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री के काफिले पर हमले के खिलाफ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी राज्यभर में प्रदर्शन कर भाजपा का पुतला फूंका और भाजपा नेताओं को इस घटना के लिए जिम्मदार बताया।
मुख्यमंत्री के काफिला को रोकने और उस हमला करने के मामले में पुलिस अब तक 30 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इस मामले में 65 नामजद सहित 150 पर सुखदेवनगर थाने में एफआइआर दर्ज की गई है। 50 से ज्यादा संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। वहीं, हमले का मुख्य आरोपित भैरव सिंह ने सिविल कोर्ट के न्यायाधीश अभिषेक प्रसाद की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। इधर, ओरमांझी में युवती की दुष्कर्म- सिर काटकर हत्या मामले की जांच के लिए डीएसपी सिल्ली के नेतृत्व में एसआइटी गठित कर दी गई है। इसी बीच जनआक्रोश को देखते हुए प्रशासन ने मृतक का दोबारा पोस्टमार्टम कराया है। पुलिस ने युवती की पहचान करने व हत्यारों का सुराग देने वालों के लिए इनाम की राशि 25 हजार से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दी गई है।
इस बीच एक महिला ने सामने आकर मृत युवती की पहचान करने का दावा किया है। रांची के सदर इलाके की रहने वाली एक महिला ने दावा किया है कि मृतक युवती उसकी नाबालिग बेटी है। महिला ने बताया कि उसकी बेटी के पैर में तिल था और इस मृतक लड़की के भी पैर में तिल है। उसने सदर थाने में गुमशुदगी का मामला भी दर्ज करवाया था।लेकिन पुलिस जांच में महिला की बेटी जीवित निकली। सदर पुलिस ने महिला की नाबालिग बेटी को पंडरा स्थित एक किराये के मकान से बरामद कर लिया है।उल्लेखनीय है कि गत दो जनवरी को राजधानी रांची के ओरमांझी थाना क्षेत्र के साईं यूनिवर्सिटी कुच्चू के पीछे परसा पतरा जंगल में एक अज्ञात युवती का सिर कटा शव बरामद हुआ। पुलिस को आशंका है कि युवती के साथ दुष्कर्म करने के बाद अपराधियों ने गला रेत कर उसकी हत्या कर दी। शव के शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं था। उम्र 20 वर्ष की युवती के प्राइवेट पार्टस पर भी धारदार हथियार से कट मिलना उसके साथ हुई हैवानियत की कहानी कहते हैं। पुलिस अभी युवती का सिर बरामद नहीं कर पाई और न ही उसकी शिनाख्त हो सकी है।
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