सिटी पोस्ट लाइव : जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि शिवानंद तिवारी ने चिट्ठी लिखकर कांग्रेस नेतृत्व के बहाने राजद नेतृत्व पर भी अटैक किया है और उन्हें चेताया है। शिवानंद तिवारी जी पुरानी घटनाओं की चर्चा करते हुए “पार्टी या पुत्र” पुत्र या लोकतंत्र” जैसी बातें कर रहे हैं लेकिन लोहिया जी के समाजवाद में तो ऐसा कुछ भी नहीं था। कांग्रेस और राजद जैसी पार्टियां तो परिवारवाद की जनक रही है।
शिवानंद तिवारी जी ने चिट्ठी की टाइमिंग भी बहुत सही चुनी है जब बिहार के प्रवासी नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव जी अपने पिता लालू प्रसाद यादव जी से मिलने रांची जा रहे हैं। कहीं पर निगाहें और कहीं पर निशाना या यूं कह लीजिए शिवानंद तिवारी ने एक तीर से दो शिकार करने की कोशिश की है।
एक तरफ कांग्रेस नेतृत्व को चेताया है की पुत्र मोह में पार्टी का लोकतंत्र और पार्टी खतरे में है और दूसरी तरफ राजद नेतृत्व को भी यही समझाने की कोशिश की है कि भले ही राजद नेतृत्व को उनकी बात पसंद नहीं आए लेकिन सही यही है कि पुत्र मोह में सब कुछ बर्बाद हो रहा है। वैसे तो यह महा गठबंधन के घटक दलों का आंतरिक मामला है लेकिन एक तीर से दो निशाना लगाने वाले शिवानंद तिवारी जी को स्थिति और स्पष्ट करनी चाहिए।
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