सिटी पोस्ट लाइव, लखनऊ: प्रदेश में ‘मिशन रोजगार’ की दिशा में एक और अहम कदम बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के नवचयनित 3,209 नलकूप चालकों को नियुक्ति पत्र वितरित किए।
निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया के कारण सरकार की बन रही अलग पहचान
इस मौके पर उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार में भर्ती प्रक्रिया पर कोई उंगली नहीं उठा सकता है। किसी भी अन्य सरकार की तुलना में इस दिशा में हमारी एक नई पहचान बन रही है। हम भेदभाव किसी के साथ नहीं करेंगे। अन्याय किसी के साथ नहीं होने देंगे। शोषण किसी का नहीं होने देंगे और पूरे पारदर्शी तरीके से चयन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का कार्य करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी का परिणाम है कि हमने पुलिस विभाग में 1.37 लाख से अधिक भर्तियां की और वह सभी प्रदेश की जनता को सुरक्षित माहौल देने का कार्य कर रहे हैं। इसी तरह लगभग एक लाख बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों के चयन की प्रक्रिया को पूरा किया और उन्हें नियुक्ति पत्र देकर प्रदेश के अंदर शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखने का कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा इसी तरह माध्यमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, स्वास्थ्य विभाग और अन्य सभी विभागों में भी नियुक्ति की प्रक्रिया इसी शानदार तरीके से आगे बढ़ाया जा रहा है।
निजी सेक्टर में 15 लाख लोगों को रोजगार से जोड़ने का हुआ काम
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम कुछ ही दिनों में 04 लाख से अधिक अधिक सरकारी नियुक्ति की प्रक्रिया को पूरा कर देंगे। उन्होंने कहा यह कार्य हमारा केवल सरकारी विभागों तक सीमित नहीं है। पिछले तीन साढ़े तीन वर्षों में हम लोगों ने 15 लाख से अधिक लोगों को निजी क्षेत्र में भी नौकरियों, रोजगार से जोड़ा है। डेढ़ करोड़ से अधिक नौजवानों को स्वरोजगार के साथ जुड़ा है। बैंकों के साथ जोड़कर उन्हें ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे वह स्वाबलम्बन की ओर अग्रसर हो कर उत्तर प्रदेश के विकास में अपना योगदान दे सकें।
कोरोना संक्रमण काल में भी जारी रही भर्ती प्रक्रिया
प्रदेश सरकार के मुताबिक चार सालों के भीतर ही चार लाख नौकरियां देने के रिकार्ड की तरफ योगी सरकार बढ़ रही है। मख्यमंत्री ने भर्ती प्रक्रियाओं में पूरी शुचिता और पारदर्शिता बरतने के आदेश दिया है। अदालत ने भी उत्तर प्रदेश की भर्ती प्रक्रिया की सराहना की है। हाल ही में सहायक शिक्षक भर्ती मामले अदालत ने सरकार के पक्ष को सही ठहराते हुए इसे जल्द पूर्ण करने का आदेश दिया था। खास बात है कि कोरोना संक्रमण काल में जब सारी गतिविधियां ठप हो गई थी, तब भी प्रदेश में भर्ती प्रक्रिया नहीं थमी और इस दिशा में तेजी से कार्य चलता रहा। उत्तर प्रदेश कोरोना संक्रमण काल में सबसे ज्यादा नौकरी और रोजगार देने वाला प्रदेश बना। नियुक्ति के नाम पर अब कहीं किसी को सिफारिश कराने की आवश्यकता नहीं है। किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं हो रहा है।
पुलिस विभाग में सबसे ज्यादा 1.37 लाख युवाओं को मिली नौकरी
प्रदेश में सरकारी महकमों में प्रमुख रूप से हुई भर्तियों पर नजर डालें तो अब तक 3,31,803 पदों पर युवा नौकरी हासिल कर चुके हैं। इनमें पुलिस विभाग में 1,37,253, बेसिक शिक्षा विभाग में 85,983, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में 28,622, यूपी लोक सेवा आयोग में 26,103, अधीनस्थ सेवा में 16,708, माध्यमिक शिक्षा में 14,000, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण में 8,556, यूपी पावर कारपोरेशन में 6,446 पदों पर भर्तियां की गई हैं। इसके अलावा अन्य महकमों में 8,132 भर्तियां हो चुकी हैं। इनमें उच्च शिक्षा में 4,615, चिकित्सा शिक्षा में 1,112 सहकारिता में 726, नगर विकास में 700, वित्त विभाग में 614 और तकनीकी शिक्षा में 365 भर्तियों के जरिए युवाओं को नौकरी मिली है।
रोजगार के लिए 6.49 लाख नई एमएसएमई इकाइयों को 19,796 करोड़ का ऋण
अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम एवं निर्यात प्रोत्साहन विभाग डॉ. नवनीत सहगल के मुताबिक रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए तथा आर्थिक गतिविधियां को और बढ़ाने के लिए सरकार के प्रोत्साहन से नई एमएसएमई इकाइयां खुल रही है। 6.49 लाख नई एमएसएमई इकाइयों को 19,796 करोड़ रुपये का ऋण दिया गया है। नई एमएसएमई इकाईयों से लगभग 25 लाख रोजगार के अवसर सृजित हुए हैं, ये प्रक्रिया लगातार जारी रहेगी। उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में युवा उद्यमी सम्मेलन का आयोजन किया जायेगा जिसमें बैंकर्स भी प्रतिभाग करेंगे तथा इन सम्मेलनों में विभिन्न विभागों द्वारा संचालित योजनाओं के माध्यम से युवाओं को स्वरोजगार से भी जोड़ा जायेगा।
‘मिशन रोजगार’ पर कार्ययोजना बनाकर किया जा रहा काम
प्रदेश में ‘मिशन रोजगार’ के माध्यम से रोजगार, स्वरोजगार, कौशल प्रशिक्षण तथा अप्रेन्टिसशिप से रोजगार व स्वरोजगार के विशेष अवसर सृजित किये जा रहे हैं। इस अभियान के तहत विभिन्न सरकारी विभागों, संगठनों, स्वयंसेवी संस्थाओं, निगमों, परिषदों, बोर्डों तथा प्रदेश सरकार के विभिन्न स्थानीय निकायों, जिनमें विभिन्न विकास प्राधिकरणों तथा औद्योगिक विकास प्राधिकरण भी सम्मिलित हैं। इससे समन्वित रूप से प्रदेश के युवाओं को रोजगार, स्वरोजगार के साथ ही कौशल प्रशिक्षण तथा अप्रेन्टिसशिप के माध्यम से अधिक से अधिक रोजगार, स्वरोजगार के अवसर सृजित किये जाएंगे। इस प्रकार प्रदेश में रोजगार, स्वरोजगार, कौशल प्रशिक्षण तथा अप्रेन्टिसशिप के माध्यम से सृजित रोजगार, स्वरोजगार सहित कार्य-योजना को मूर्तरूप देकर प्रदेश में इस वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक लाखों युवाओं को रोजगार, स्वरोजगार के लिये सक्षम बनाया जायेगा।
आईआईडीसी को कामगारों के रोजगार की समीक्षा का जिम्मा
‘मिशन रोजगार’ के तहत सरकार विभिन्न सेक्टर में चरणवार तरीके से लोगों को सेवायोजित करने के कार्य में तेजी से जुट गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने औद्योगिक एवं अवस्थापना विकास आयुक्त (आईआईडीसी) को सभी जनपदों में वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग करके कामगारों व श्रमिकों को रोजगार देने की स्थिति की समीक्षा करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लोगों को सरकारी व निजी क्षेत्र में रोजगार मुहैया कराने के लिये संकल्पबद्ध है। इसके लिए प्रदेश में संचालित विभिन्न योजनाओं के माध्यम से भी उन्हें स्वावलम्बी बनाने का कार्य किया जा रहा है।
मजबूत इरादे और पूरे हो रहे वादे का परिणाम
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के मुताबिक ये सरकार का मजबूत इरादे और पूरे हो रहे वादे का परिणाम देखने को मिल रहा है। भाजपा सरकार भ्रष्टाचार मुक्त व पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से चयनित युवाओं को नियुक्ति पत्र वितरित कर रही है। इससे पहले कभी इतनी पारदर्शी तरीके से भर्तियां नहीं होती थी। पूर्व की सरकारों में भ्रष्टाचार किसी से छिपा नहीं है। वहीं आज प्रतिभावन बिना किसी सिफारिश से नौकरी हासिल कर रहे हैं। सभी चयनित लोगों को हार्दिक बधाई एवं उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं हैं।
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