सुशील मोदी को NDA कैंडिडेट बनाए जाने के बाद चिराग पासवान मौन

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सिटी पोस्ट लाइव :  बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी को बीजेपी का राज्यसभा कैंडिडेट बनाए जाने के बाद एलजेपी सुप्रीमो चिराग पासवान ने चुप्पी साध ली है। चिराग पासवान की पार्टी की तरफ से बार-बार दिवंगत रामविलास पासवान की पत्नी रीना पासवान को राज्यसभा भेजे जाने की मांग की जा रही थी कहा ये जा रहा था रीना पासवान को रामविलास पासवान के निधन से खाली हुई सीट पर राज्यसभा भेजकर बीजेपी की तरफ से सच्ची श्रद्धांजलि दी जा सकती है।

एलजेपी सुप्रीमो चिराग पासवान पटना पहुंचने के बाद सुशील मोदी की राज्यसभा उम्मीदवारी को लेकर पूछे गए सवालों पर चिराग ने चुप्पी साध ली। मीडिया के बार-बार पूछने पर भी उन्होंने इस मुद्दे पर कुछ नहीं कहा। हालांकि विधानमंडल में सत्ता पक्ष व विपक्ष के नेताओं के बीच तीखी नोंक-झोंक व व्यक्तिगत टिप्पणियों पर अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा कि जिस तरह से दोनों की तरफ से मर्यादाएं लांघी गयीं वो सही नहीं है।

बिहार विधानमंडल में सीएम नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच हुए बयानबाजी पर चिराग पासवान ने कहा कि पर्सनल अटैक नहीं करना चाहिए। हालांकि दोनों तरफ से अटैक हुए हैं। जिस तरह से दोनों की तरफ से मर्यादाएं लांघी गयीं वो सही नहीं है।

गौरतलब है कि शुक्रवार को सदन में सीएम नीतीश कुमार पर तेजस्वी यादव ने अमर्यादित टिप्पणी की थी जिसके बाद हंगामा खड़ा हो गया था। तेजस्वी यादव ने विधानसभा चुनाव के दौरान उनके परिवार को लेकर नीतीश कुमार द्वारा की गई टिप्पणी के ऊपर प्रतिक्रिया दी थी। नीतीश ने भी इसके जवाब में काफी तीखी प्रतिक्रिया दी है।

वहीं चिराग पासवान ने अपने कार्यक्रम ‘फर्स्ट बिहारी’ पर चिराग ने कहा कि पार्टी का 20वां स्थापना दिवस पूरे देश मे मनाया जाएगा, लेकिन कोई बड़े कार्यक्रम नहीं होंगे। पिता रामविलास पासवान के सपनों और विचार को जनता तक पहुंचाया जाएगा। गौरतलब है कि 28 नवंबर, 2000 को चिराग पासवान के पिता व दिवंगत पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने लोक जनशक्ति पार्टी बनाई थी।

किसानों पर हुए हमले पर बोले चिराग ने कहा कि केंद्र ने दो बार पहले भी उनसे वार्ता की थी और आगे भी वार्ता करेगी, लेकिन इस ठंड के मौसम में वाटर कैनन का इस्तेमाल करना उचित नहीं है। बता दें कि दिल्ली, पंजाब व हरियाणा के किसान केंद्र सरकार के कृषि बिल के विरोध में दिल्ली में प्रदर्शन करना चाह रहे थे, इसी क्रम में किसानों को रोकने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया था।

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