सिटी पोस्ट लाइव : चारा घोटाले में जमानत याचिका पर सुनवाई से पहले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव दोहरी मुश्किलों में घिरते नजर आ रहे हैं।
गुरुवार को रिम्स प्रबंधन ने लालू यादव को डायरेक्टर आवास केली बंगलो से बेदखल करके फिर से पेइंग वार्ड में शिफ्ट करवा दिया, तो झारखंड हाइकोर्ट में उनके खिलाफ एक जनहित याचिका भी दाखिल हो गयी। यह सब झारखंड हाइकोर्ट में दुमका कोषागार से निकासी मामले में उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई से एक दिन पहले हुआ। वहीं पटना विजिलेंस में भी बीजेपी विधायक ने लालू यादव के खिलाफ कल ही केस दर्ज करवाया है।
गुरुवार को अनुरंजन अशोक ने अपने वकील के मार्फत चारा घोटाला मामले में सजा काट रहे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद पर जेल मैनुअल का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए एक जनहित याचिका दाखिल की है। जेल से फोन पर विधायक की खरीद-फरोख्त के आरोप में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है। याचिकाकर्ता ने इस मामले में जेल अधिकारियों, पुलिस पदाधिकारियों व रिम्स के चिकित्सकों की भूमिका की भी जांच की मांग की है.
याचिकाकर्ता ने केंद्र सरकार, झारखंड सरकार, झारखंड के गृह सचिव, डीजीपी, जेल आइजी, एनआइए, प्रवर्तन निदेशालय व अन्य को प्रतिवादी बनाया है। याचिकाकर्ता की ओर से वकील राजीव कुमार ने बताया कि लालू प्रसाद यादव चारा घोटाला के कई मामलों में सजायाफ्ता हैं। लंबे समय से इलाज के नाम पर रिम्स में भर्ती हैं। यह सरकार के नियमों के भी खिलाफ है।
पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के मामले में आरोपियों व कैदियों के इलाज के लिए गाइडलाइन जारी की गयी थी। इसमें कहा गया था कि कोई कैदी स्थायी रूप से रिम्स या अन्य हॉस्पिटल में नहीं रह सकता है।लालू प्रसाद यादव बार-बार जेल मैनुअल का उल्लंघन कर रहे हैं और जेल प्रशासन उसे रोक नहीं पा रहा है।
गौरतलब है कि दुमका कोषागार से निकासी के मामले में लालू प्रसाद यादव ने आधी सजा काटने के आधार पर जमानत की मांग की है। इस मामले में जेल आइजी और रांची स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार के जेल अधीक्षक को अपना जवाब दाखिल करना है।
बता दें कि पिछली सुनवाई के दौरान इन दोनों ने अपना पक्ष नहीं रखा था। इससे नाराज हाइकोर्ट ने दोनों के खिलाफ नोटिस जारी कर दिया था। बताया जा रहा है कि सीबीआइ ने लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका का विरोध किया था।
वहीं इधर पटना में कल ही बीजेपी विधायक ललन कुमार पासवान ने लालू यादव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है, जिन्हें कथित तौर पर लालू प्रसाद ने फोन कर विधानसभा अध्यक्ष पद के चुनाव में एनडीए उम्मीदवार को हराने में मदद करने के बदले मंत्री पद देने की पेशकश की थी।
पासवान ने विजिलेंस के पास प्राथमिकी दर्ज कराई, जिसमें उन्होंने कहा कि आरजेडी सुप्रीमो के कथित कृत्य को “भ्रष्टाचार” के रूप में देखा जाए।विधानसभा के सदस्य के तौर पर वह एक “लोक सेवक” हैं, जिन्हें प्रसाद ने सदन में मतदान में भाग लेने की संवैधानिक बाध्यता को पूरा करने से रोकने की कोशिश की।
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