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मुंगेर में प्रतिमा विसर्जन के दौरान पुलिस को बनाया निशाना, फायरिंग में एक युवक की मौत

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सिटी पोस्ट लाइव : मुंगेर में दुर्गा पूजा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हिंसा की बड़ी वारदात सामने आय़ी है। रोड़ेबाजी और फायरिंग में एक युवक की मौत हो गयी जबकि पांच लोग घायल हैं। वहीं भीड़ के हमले में चार थानाध्यक्ष समेत 17 पुलिसकर्मी घायल हैं।

घटना मुंगेर जिला के कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत दीनदयाल उपाध्याय चौक की है जहां पर प्रतिमाओं को विसर्जन के दौरान असामाजिक तत्वों द्वारा जानबूझकर पुलिस बल को निशाना बनाते हुए पथराव किया गया। रोड़ेबाजी और फायरिंग की घटना में 18 वर्षीय अनुराग कुमार को सिर में गोली लगी और उसकी मौके पर ही मौत हो गई वहीं विसर्जन के दौरान चली गोली से पांच लोग घायल हैं।

पुलिस द्वारा रोके जाने पर उग्र लोगों द्वारा फायरिंग भी की गई है। भीड़ द्वारा फायरिंग की गई है और पुलिस बल पर जानलेवा हमला हुआ। भीड़ के हमले में संग्रामपुर थानाध्यक्ष सर्वजीत कुमार, कोतवाली थानाध्यक्ष संतोष कुमार सिंह, कासिम बाजार थानाध्यक्ष शैलेश कुमार, बासुदेवपुर ओपी अध्यक्ष सुशील कुमार के अलावा 17 अन्य पुलिसकर्मी भी जख्मी हुए हैं। पुलिस को निशाना बनाकर लगातार पथराव किए जाने और भीड़ द्वारा फायरिंग कर शहर में अफवाह फैलाई गई और माहौल को खराब किए जाने का प्रयास किया गया। इस गोलीबारी की घटना में पांच अन्य लोग भी घायल हो गए हैं जिनका इलाज मुंगेर के सदर अस्पताल में चल रहा है।

दरअसल चुनाव के मद्देनजर जिला प्रशासन ने पूजा समितियों को निर्देश दिया था कि वो 26 अक्टूबर की शाम तक अपनी-अपनी समीतियों की प्रतिमा का विसर्जन कर लें। इसको लेकर जिला पुलिस प्रशासन के द्वार लगातार प्रतिमाओं पर निगरानी रखी जा रही थी। युवक की मौत के बाद लोग खासे आक्रोशित हैं। उनका आरोप है कि युवक की मौत पुलिस की गोली से हुई है। हिंसा की इस घटना के बाद एहतिहात बरतने को लेकर दीनदयाल चौक और आसपास के इलाके को पुलिस छावनी में बदल दिया गया है। पुलिस ने तीन हथियार, गोलियां और खोखा भी बरामद किया है।

डीएम डीएम राजेश मीणा और एसपी लिपि सिंह घटनास्थल पर कैंप कर रहे हैं। डीएम ने बताया कि स्थिति फिलहाल शांतिपूर्ण है और दोषियों की पहचान की जा रही है।कुछ उपद्रवियों को हिरासत में लिया गया है। प्रथम दृष्टया यह बात सामने आई है कि जानबूझकर कुछ लोगों द्वारा पुलिस पर मारपीट करने का झूठा आरोप लगाते हुए माहौल को खराब किया गया और भीड़ को पुलिस के खिलाफ उकसाया गया।

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