सिटी पोस्ट लाइव, लखनऊ: उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की दस सीटों पर हो रहे चुनाव को लेकर सोमवार को बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार रामजी गौतम ने नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। इस दौरान पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा और व विधानमंडल दल के नेता लालजी वर्मा समेत पार्टी के सभी विधायक मौजूद रहे। इस मौके पर सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि हमारी पार्टी के उम्मीदवार रामजी गौतम ने राज्यसभा के लिए नामांकन किया है। हमें उम्मीद है कि वो जीतकर राज्यसभा जाएंगे। वहीं, बसपा उम्मीदवार व पार्टी के राष्ट्रीय कोआर्डिनेटर रामजी गौतम ने कहा कि हम अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष मायावती की दो सभाएं भी हुई हैं। उन दोनों विधानसभाओं में जिस तरह से लाखों की भीड़ इकट्ठा हुई, उसको देखते हुए अब यही लग रहा है कि हम लोग वहां पर भी बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और हम लोगों को बिहार में भी सफलता जरूर मिलेगी।
इस बीच बसपा के रामजी गौतम के नामांकन के साथ ही अब राज्यसभा की खाली सीटों के लिए मतदान होना तय हो गया है। बसपा विधायकों की संख्याबल के हिसाब से अपने उम्मीदवार को जिताने की स्थिति में नहीं है। इसके बावजूद उसके उम्मीदवार ने परचा दाखिल किया है। ऐसे में सियासी दलों के बीच सेंधमारी की सम्भावना तेज हो गई है।दरअसल विधायकों की संख्या के हिसाब से भाजपा के आठ व सपा के एक उम्मीदवार की जीत तय है। सपा ने इसीलिए प्रो.रामगोपाल का ही नामांकन पत्र दाखिल कराया है। वहीं भाजपा का एक और उम्मीदवार तभी जीत सकता है, जब विपक्ष साझा उम्मीदवार न खड़ा करे।
बसपा और कांग्रेस अपने दम पर एक भी उम्मीदवार को विजय दिलाने की स्थिति में नहीं हैं। इसीलिए कांग्रेस अभी तक मैदान में नहीं उतरी है। लेकिन, जिस तरह से मायावती ने ये दांव खेला है, उससे न सिर्फ भाजपा के नौ सदस्य आसानी से राज्यसभा भेजने की रणनीति को धक्का लगा है, बल्कि सपा व कांग्रेस के सामने भी दुविधा की स्थिति पैदा हो गई है। वहीं बसपा के सामने भी चुनौती है कि वह अपने उम्मीदवार को राज्यसभा भेजने के लिए दूसरे दलों के विधायकों को वोट कैसे हासिल करेगी।
सियासी विश्लेषकों के मुताबिक मायावती ने रामजी गौतम को राज्यसभा चुनाव मैदान में उतारकर एक तीर से कई निशाने साधने का दांव चला है। मायावती अपना उम्मीदवार उतारकर विरोधी दलों के उन आरोपों का जवाब देना चाहती हैं, जिसमें वह बसपा को भाजपा की ‘बी’ टीम और उससे मिले होने का आरोप लगाते हैं। वहीं अन्य दलों का समर्थन नहीं मिलने पर मायावती खुद अपने विरोधियों पर भाजपा के साथ मिलीभगत होने और उसके खिलाफ लड़ाई में बसपा का साथ नहीं देने का आरोप लगा सकती हैं।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला के मुताबिक नामांकन की अन्तिम तारीख 27 अक्टूबर होगी तथा 28 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी। 02 नवम्बर तक उम्मीदवार अपना नामांकन वापस ले सकते हैं और 09 नवम्बर को पूर्वाह्न 09 बजे से अपराह्न 04 बजे तक मतदान का समय है। इसी दिन मतगणना की जाएगी। वहीं 11 नवम्बर से पहले निर्वाचन सम्पन्न करा लिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश से भाजपा के नीरज शेखर, अरुण सिंह तथा केन्द्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी, समाजवादी पार्टी के प्रोफेसर रामगोपाल यादव, डॉ. चंद्रपाल सिंह यादव व रवि प्रकाश वर्मा, कांग्रेस के पीएल पुनिया व राज बब्बर तथा बहुजन समाज पार्टी के जावेद अली खान व राजा राम का कार्यकाल 25 नवम्बर को समाप्त हो रहा है।
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