सिटी पोस्ट लाइव : पीएम मोदी ने सासाराम के मंच से दिवगंत नेता रामविलास पासवान को शिद्दत के साथ याद किया। उन्होंने मंच से उन्हें श्रद्धांजलि दी लेकिन मंच से पीएम मोदी ने चिराग पासवान की कोई चर्चा नहीं की जो खुद को पीएम मोदी का हनुमान बता रहे हैं लेकिन एनडीए के खिलाफ ही ताल ठोक रहे हैं।
रामविलास पासवान को याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मेरे करीबी मित्र और गरीबों, दलितों के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले और आखिरी समय तक मेरे साथ रहने वाले राम विलास पासवान जी को मैं श्रद्धाजंलि अर्पित करता हूं। लेकिन इस बीच सबकी निगाहें टिकी थी कि वे एलजेपी सुप्रीमो चिराग पासवान के बारे में क्या कुछ चर्चा करते हैं। लेकिऩ चिराग पासवान का उन्होनें मंच से कोई नाम नहीं लिया।
दरअसल, चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी इस बार बिहार में एनडीए से अलग होकर अकेले चुनाव लड़ रही है। एलजेपी सुप्रीमो चिराग पासवान अब तक नीतीश कुमार पर हमलावर रहे हैं, मगर पीएम मोदी या उनकी सरकार खिलाफ उन्होंने एक भी शब्द नहीं बोला है। अब तक अगर चिराग पासवान के चुनावी प्रचार को गौर से देखें तो वह अपने भाषणों में नीतीश कुमार के खिलाफ जमकर बोल रहे हैं, मगर बीजेपी के खिलाफ उनका रुख नरम नजर आ रहा है। इतना ही नहीं, प्रेस कॉन्फ्रेंस हो या चुनावी रैली, चिराग पासवान एक तरह से नीतीश कुमार के खिलाफ वोट मांग रहे हैं। भले ही नीतीश और बीजेपी एक साथ चुनाव लड़ रही है, मगर विरोधी के तौर पर चिराग के टारगेट में नीतीश की पार्टी जेडीयू ही है।
चिराग तो खुद को पीएम का हनुमान बता चुके हैं। पिछले दिनों जब पीएम मोदी की तस्वीर को लेकर विवाद हुआ था तो उन्होंने कहा था कि मुझे प्रधानमंत्री के तस्वीर के इस्तेमाल की जरूरत ही नहीं है। मैं उनका हनुमान हूं। मेरे दिल में उनकी तस्वीर बसती है, किसी दिन होगा तो छाती चीरकर भी दिखा दूंगा कि मेरे दिल में प्रधानमंत्री बसते हैं। हां तस्वीर लगाने की जरूरत मुख्यमंत्री जी को जरूर है क्योंकि वह निरंतर पीएम का विरोध करते रहे हैं।
बीते दिनों जब देश के नाम पीएम मोदी संबोधन देने वाले थे, तब भी चिराग पासवान ने अपने उम्मीदवारों और कार्यकर्ताओं से इसे सुनने की अपील की। पीएम मोदी के मंगलवार को राष्ट्र के नाम संबोधन को चिराग पासवान ने राष्ट्रहित में बताया और कहा राष्ट्रहित में किए जा रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन को सुनें।कोरोना के कारण दूरी का भी ध्यान दें।’
इसके अलावा, गुरुवार को भी जब चिराग पासवान ने नीतीश कुमार पर ट्वीट करके हमला बोला तो उसके केंद्र में भी नरेंद्र मोदी ही थे। उन्होंने अपने ट्वीट के जरिए नीतीश कुमार पर पिछली बार बीजेपी के साथ भीतरघात करने का आरोप लगाया और कहा कि पिछली बार लालू प्रसाद यादव के आशीर्वाद से नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने और फिर उनको धोखा देकर प्रधानमंत्री पीएम मोदी के आशीर्वाद से रातो-रात मुख्यमंत्री बन गए। इस बार कहीं नरेंद्र मोदी का
आशीर्वाद लेकर फिर लालू प्रसाद के शरण में ना चले जाएं साहब।’
हालांकि, चिराग पासवान खुद पर सियासी हमले के लिए पीएम मोदी को लाइसेंस दे चुके हैं। बीते दिनों उन्होंने कहा था कि अगर नीतीश कुमार को संतुष्ट करने के लिए मोदी को उनके खिलाफ कुछ कहना पड़े तो वह बेहिचक कहें। चिराग पासवान ने चुनाव के दौरान ही सार्वजनिक तौर पर यह कहा था कि उनके और पीएम मोदी के बीच रिश्ते अच्छे हैं। उन्होंने कहा था कि मेरे और प्रधानमंत्री के रिश्ते कैसे हैं, मुझे इसका प्रदर्शन करने की जरूरत नहीं है। पापा
(केंद्रीय मंत्री दिवंगत रामविलास पासवान) जब अस्पताल में थे तब से लेकर उनकी अंतिम यात्रा तक उन्होंने मेरे लिए जो कुछ किया उसे मैं कभी नहीं भूल सकता। मैं नहीं चाहता कि मेरी वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसी धर्मसंकट में पड़ें। वह अपना गठबंधन धर्म निभाएं। मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को संतुष्ट करने के लिए मेरे खिलाफ भी कुछ कहना पड़े तो नि:संकोच कहें।’
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