City Post Live
NEWS 24x7

योगी ने ग्राम पंचायतों को 7,053.45 करोड़ के विकास कार्यों का दिया तोहफा

-sponsored-

- Sponsored -

-sponsored-

सिटी पोस्ट लाइव, लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को राज्य की ग्राम पंचायतों को बड़ा तोहफा दिया। ग्राम पंचायत चुनावों से पहले इसे सरकार का अहम कदम माना जा रहा है। मुख्यमंत्री ने 7,053.45 करोड़ की लागत से ग्राम स्वराज्य अभियान-वित्त आयोग, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) व मनरेगा के अंतर्गत बने 18,847 सामुदायिक शौचालयों व 377 पंचायत भवनों का लोकार्पण किया। इसके साथ ही उन्होंने केंद्रीय 35,058 सामुदायिक शौचालयों व 21,414 पंचायत भवनों का वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शिलान्यास किया। उन्होंने महिला ग्राम प्रधानों से संवाद भी किया। कार्यक्रम में केंद्रीय पंचायती राज, ग्रामीण विकास एवं कृषि व किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र तोमर व केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र शेखावत सहित भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जुड़े।
महिलाओं के स्वाबलंबन, सुरक्षा व सम्मान से जुड़ा है कार्यक्रम
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण स्वावलम्बन का यह बहुत बड़ा कार्य होने जा रहा है। इसके साथ ही इस समय प्रदेश सरकार जो मिशन शक्ति अभियान चला रही है, जिसमें महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलम्बन को महत्व दिया गया है, उसी तरह ये कार्यकम भी उनके स्वाबलंबन, सुरक्षा व सम्मान से जुड़ा हुआ है।
उप्र में 43 फीसदी महिला ग्राम प्रधान प्रगति की सोच का परिणाम
उन्होंने कहा कि प्रदेश के अंदर महिलाओं में विकास को लेकर बहुत जागरूकता है और उस जागरूकता का परिणाम है कि जहां पंचायतों में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण दिया गया, उसके मुकाबले उत्तर प्रदेश में 43 फीसदी महिलाएं ग्राम प्रधान हैं। यह चीजें दिखाती हैं प्रगति की सोच महिलाओं के माध्यम से किस तरह सामने आ रही है। इसीलिए संवाद के इस कार्यक्रम में उन्होंने अपने अपने गांव में कराये विकास कार्यों को हमारे सामने रखा।
उप्र ने तय समय से पहले बनाए 2.18 करोड़ से अधिक शौचालय 
मुख्यमंत्री ने कहा कि वास्तव में यह कार्यक्रम केवल शिलान्यास और लोकार्पण का नहीं है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान को हम लोग शत-प्रतिशत सफलता पूर्वक आगे बढ़ा सकें, इसके लिए एक निश्चित ​तिथि में इनके शिलान्यास का फैसला किया था और यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन में 2.18 करोड़ से अधिक शौचालय उत्तर प्रदेश में बनाए गए हैं और यह लक्ष्य भी हम लोगों ने एक वर्ष पहले प्राप्त भी किया है। उन्होंने कहा कि 02 अक्टूबर 2014 से यह अभियान प्रारंभ हुआ था और 02 अक्टूबर 2019 तक इसे संपन्न होना था। पहले ढाई वर्ष में जो गति थी वह बेहद कम थी और अगले ढाई वर्ष के दौरान इस कार्य को पूरा करना था। ऐसे में हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती थी कि पहले ढाई वर्ष में जो काम कम हो पाया, उसे आगे गति प्रदान की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें भी भारत सरकार की तरफ से हमें यह लक्ष्य दिया गया कि ये ये कार्य एक वर्ष पहले ही सम्पन्न करना है। ऐसे में हमने अगले डेढ़ वर्ष के अंदर ही इस कार्य को पूरा करते हुए प्रदेश को पूरी तरह खुले में शौच से मुक्त करने में सफलता प्राप्त की।
पूर्वी उप्र के लोग जानते हैं स्वच्छता की कीमत
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता की कीमत क्या हो सकती है, पूर्वी उत्तर प्रदेश से ज्यादा इसके महत्व को दूसरा नहीं समझ सकता है। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत इंसेफेलाइटिस से मौतों के आंकड़ों को हमने कम करने में सफलता हासिल की है। इन क्षेत्रों में सैकड़ों मौतें होती थी। वहीं आज मौत के आंकड़े न्यूनतम स्तर पर आ चुके हैं। यह स्वच्छ भारत मिशन और इसके कारण होने वाले स्वास्थ्य के व्यापक परिवर्तन के वह आंकड़े हैं जिन्हें यूनिसेफ भी खुले मंच से स्वीकार करते हुए कहता है कि स्वच्छ भारत मिशन ने यहां बहुत ज्यादा प्रगति की है।
59 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आज का यह कार्यक्रम हमारे लिए रोजगार देने का भी बहुत महत्वपूर्ण माध्यम है। प्रदेश के अंदर जो 59,000 ग्राम पंचायतें हैं, जहां सामुदायिक शौचालय निर्मित हो रहे हैं। यानि यहां लगभग इतने नए रोजगार सृजित होंगे। सामुदायिक शौचालय में महिला स्वयंसेवी समूहों के माध्यम से एक एक महिला को वहां पर रोजगार प्राप्त होगा।
बैंकिंग कॉरेस्पॉन्डेंट सखी के जरिए कार्य करेंगी महिलाएं
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही पंचायत भवन के रूप में ग्राम सचिवालय बन रहे हैं। गांव के सार्वजनिक-मांगलिक कार्यक्रम आदि को संपन्न करने के साथ के प्रतिदिन के कार्यक्रमों को संपन्न करने में इनकी बहुत बड़ी भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में हम सभी ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ रहे हैं। यानि एक मिनी सचिवालय का काम यह ग्राम सचिवालय करेगा। गांव में ही आय प्रमाण पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र यह सब तो वहां बनेंगे ही साथ ही बैंकिंग कॉरेस्पॉन्डेंट सखी के रूप में एक महिला को वहां रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि इससे बैंकों की भीड़ भी कम होगी और बैंक अपने दूसरे कार्य को आगे बढ़ा सकेंगे। गांव में ही लोगों को रुपये जमा करने और निकालने की सुविधा मिल सकेगी।
महिला ग्राम प्रधानों से संवाद कर बढ़ाया हौसला
इस दौरान मुख्यमंत्री ने अलीगढ़ जिले के गांव खेड़ा की स्वयं सहायता समूह अध्यक्ष नीरज कुमारी, गोरखपुर जिले के उनौला दोयम की ग्राम प्रधान सुधा सिंह, ललितपुर जिले की ग्राम प्रधान सुश्री रुचिका प्रयागराज के शाहपुर ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान सुमंत लाल एवं मिर्जापुर के कथेरवा ग्राम पंचायत की ग्राम प्रधान सपना सिंह से संवाद कर उनका हौसला बढ़ाया

- Sponsored -

-sponsored-

Subscribe to our newsletter
Sign up here to get the latest news, updates and special offers delivered directly to your inbox.
You can unsubscribe at any time

-sponsored-

Comments are closed.