सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एनआईए द्वारा सामाजिक कार्यकर्त्ता स्टेन स्वामी को गिरफ्तार किये जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि गरीब, वंचित और आदिवासियों की आवाज उठाने वाले 83वर्षीय वृद्ध स्टेन स्वामी को गिरफ्तार कर केंद्र की भाजपा सरकार क्या संदेश देना चाहती है।
मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा कि विरोध की हर आवाज को दबाने की ये कैसी जिद्द?
इससे पहले झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सह राज्य के वित्त तथा खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने अर्बन नक्सलवाद के नाम पर महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव मामले में फादर स्टेन स्वामी को हिरासत में लिये जाने की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया था। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अर्बन नक्सलवाद के नाम पर देश के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले बुद्धिजीवियों को प्रताड़ित कर रहे है। फादर स्टेन स्वामी करीब 25वर्षां से रांची में रहकर जनजातीय समुदाय के उत्थान में जुटे हैं, ऐसे में उन्हें फंसाने की कोशिश की जा रही है। बार-बार इस तरह की कार्रवाई से कई सवाल खड़े हो रहे है। स्टेन स्वामी की गिरफ्तारी के विरोध में वाम संगठनों समेत विभिन्न सामाजिक संगठनों का भी विरोध शुरू हो गया है। देश के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज ने भी स्टेन स्वामी की गिरफ्तारी का विरोध किया है। गौरतलब है कि भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में एनआईए ने स्टेन स्वामी समेत आठ आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है, जिसमें फादर स्टेन स्वामी को अर्बन नक्सल का संचालक बताया गया है और कहा है कि वे माओवादियों से फंड लेते हैं। उनके आवास से बरामद दस्तावेजों में नक्सली साहित्य भी हैं। फादर स्टेन स्वामी को 23 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। वे इस मामले में गिरफ्तार किये गये 16वें व्यक्ति हैं और सबसे उम्रदराज आरोपी है।
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